प्रदूषण से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के अध्ययन के लिये एम्स और पीसीबी में करार
भावी पीढ़ी की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये यह पहल बनेगी मिसाल
भोपाल
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मध्य मंगलवार को 'पर्यावरण प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव' पर संयुक्त अध्ययन और अनुसंधान के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। दोनों संस्थान के विषय-विशेषज्ञों द्वारा किया गया यह अध्ययन भावी पीढ़ी की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये देश में एक नई मिसाल कायम करेगा। एमओयू पर बोर्ड के सदस्य सचिव चन्द्रमोहन ठाकुर और एम्स के निदेशक एवं कार्यपालन अधिकारी डॉ. अजय सिंह ने हस्ताक्षर किये।
ठाकुर ने कहा कि दोनों संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा संयुक्त अध्ययन से यह पता लगेगा कि वातावरण में उपस्थित प्रदूषण के विभिन्न प्रदूषकों का मानव स्वास्थ्य पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है और उनसे कौन-कौन सी बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। प्रदूषण से कैंसर, श्वसन संबंधी और ह्रदय रोग आदि गंभीर बीमारियों पर अंकुश लगाने और इनके आधार पर स्वास्थ्य नीति निर्धारण में मदद मिलेगी। यह शोध अन्य राज्यों में हो रहे शोध कार्य में भी सहायक होंगे। फिलहाल करार 2 वर्ष के लिये किया गया है। करार अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर बढ़ाया भी जा सकता है।
डॉ. अजय सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण और इससे होने वाली बीमारियों के नियंत्रण में यह करार एक टर्निंग पाइंट सिद्ध होगा। डॉ. सिंह ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण से होने वाली विभिन्न बीमारियों के अध्ययन में इससे बहुत मदद मिलेगी। प्रमाणिक डाटा उपलब्ध होने के कारण देश-प्रदेश में कारगर स्वास्थ्य नीति बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जल-प्रदूषण भी अनेक संक्रामक और गंभीर रोगों का कारण बनता है। संयुक्त अध्ययन इन बीमारियों के नियंत्रण और निजात की दिशा में एक अनूठी पहल है, जो अन्य राज्यों के समक्ष एक मिसाल कायम करेगा।
संचालक म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ए.एन. मिश्रा सहित दोनों ही संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।