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जेल, फांसी, हत्या… पाकिस्तान में पूर्व शासकों का यही अंजाम, इमरान खान का क्या होगा

 नई दिल्ली
पाकिस्तान के लिए इमरान खान की गिरफ्तारी कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई प्रधानमंत्री जेल की हवा खा चुके हैं। कुछ को तो फांसी पर लटका दिया गया वहीं, कुछ ही हत्या तक करवा दी गई। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्रियों और सियासी दिग्गजों को कैद करने का लंबा इतिहास रहा है। आइए जानते हैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री कब-कब गिरफ्तार हुए हैं।

जनवरी 1962: इसकी शुरुआती पाकिस्तान के पांचवें प्रधानमंत्री हुसैन शहीद सुहरावर्दी से होती है। उन्होंने जनरल अयूब खान की सरकार का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। पहले तो इलेक्टिव बॉडीज़ डिसक्वालिफिकेशन ऑर्डर के माध्यम से उनपर प्रतिबंधित लगा दिए गए और बाद में जुलाई 1960 में उनपर कानून तोड़ने का आरोप लगाया गया। जनवरी 1962 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और सेंट्रल जेल में एकांत कारावास में उन्हें डाल दिया गया।

सितंबर 1977: जुल्फिकार अली भुट्टो अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं। पद से हटने के बाद सितंबर 1977 में उन्हें 1974 में एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लाहौर हाईकोर्ट के जज ख्वाजा मोहम्मद अहमद समदानी ने उन्हें रिहा कर दिया, लेकिन तीन दिन बाद ही मार्शल लॉ रेगुलेशन 12 के तहत उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।  इस कानून को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती थी। भुट्टो को मौत की सजा सुनाई गई और 4 अप्रैल, 1979 को उन्हें फांसी पर लटका दिया गया।

अगस्त 1985: दिसंबर 1998-अगस्त 1990 और अक्टूबर 1993-नवंबर 1996 तक दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो अपने भाई के जनाजे में अगस्त 1985 में पाकिस्तान पहुंचीं। यहां उन्हें 90 दिनों के लिए नजरबंद कर दिया गया। इसके बाद अगस्त 1986 में स्वतंत्रता दिवस पर कराची में एक रैली में सरकार की निंदा करने के लिए बेनजीर भुट्टो को फिर गिरफ्तार किया गया। मई 1998 में लाहौर हाईकोर्ट की एहतेसाब बेंच ने बेनजीर भुट्टो के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। जून 1998 में लोक लेखा समिति ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

अप्रैल 1999: सीमा शुल्क धोखाधड़ी से लड़ने के लिए काम पर रखी गई एक स्विस कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप में एहतेसब बेंच द्वारा बेनजीर भुट्टो को पांच साल की सजा सुनाई गई। उन्हें चुनाव लड़ने से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया। बाद में एक हाईकोर्ट ने सजा को पलट दिया था। अक्टूबर 1999 में एहतेसाब बेंच ने फिर बेनजीर भुट्टो के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

सितंबर 2007: जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा 1999 में देश निकाला किए जाने के बाद नवाज शरीफ पाकिस्तान लौट आए। इस्लामाबाद लौटने पर हवाई अड्डे को सील कर दिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यहां से उन्हें सऊदी अरब के जेद्दा भेज दिया गया। उनके 10 वर्ष के वनवास की सजा में तीन साल बाकी थे।

नवंबर 2007: जनरल मुशर्रफ की तानाशाही सरकार के खिलाफ मार्च निकालने के लिए बेनजीर भुट्टो को पंजाब में पीपीपी सीनेटर लतीफ खोसा के घर में एक हफ्ते के लिए नजरबंद कर दिया गया था।

जुलाई 2018: नवाज शरीफ को उनकी बेटी मरियम नवाज के साथ गिरफ्तार किया गया और एनएबी द्वारा भ्रष्टाचार के लिए 10 साल की सजा सुवाई गई। हालांकि, दो महीने बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

दिसंबर 2018: नवाज शरीफ को फिर से जेल हुई और सात साल की सजा दी गई। नवंबर 2019 में उन्हें इलाज करवाने के लिए पाकिस्तान से बाहर जाने की इजाजत दी गई। उसके बाद से वह पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।

जुलाई 2019: पीएमएल-एन के शाहिद खाकान अब्बासी ने जनवरी 2017-मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया। 19 जुलाई को 2019 को उन्हें 12-सदस्यीय एनएबी टीम द्वारा कथित भ्रष्टाचार के लिए गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई और 27 फरवरी 2020 को आदियाला जेल से रिहा कर दिया गया।

सितंबर 2020: पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को 28 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। लाहौर हाईकोर्ट ने एनएबी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। करीब सात महीने बाद उन्हें लाहौर की कोट लखपत सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया।

मार्च 2023: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ दो अलग-अलग गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे। उनके खिलाफ एक जज को धमकी देने के आरोप लगे थे। साथ ही तोशखाना उपहारों में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। पार्टी समर्थक उनकी गिरफ्तारी को रोकने के लिए जमां पार्क स्थित उनके आवास के बाहर जमा हो गए थे। इसके कारण पाकिस्तान में हिंसा हुई। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे।

मई 2023: इमरान खान को 9 मई को अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट से जुड़े एक भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया।

 

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