‘द केरल स्टोरी’ बनाने वालों को फांसी हो; फिल्म पर NCP नेता का विवादित बयान; मचा सियासी घमासान
नई दिल्ली
एक तरफ 'द केरल स्टोरी' देखने के लिए सिनेमा घरों में दर्शक उमड़ रहे हैं तो वहीं इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। बंगाल में फिल्म को बैन कर दिया गया है और तमिलनाडु में इसे सिनेमा एसोसिएशन ने दिखाने से ही इनकार कर दिया है। इस बीच यूपी और मध्य प्रदेश में फिल्म टैक्स फ्री कर दी गई है। इस फिल्म से जुड़ा विवाद अब महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। यहां एनसीपी के सीनियर नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि इस फिल्म में झूठ दिखाया गया है। तीन लड़कियों की कहानी को 32 हजार का बताया गया है। इससे आगे विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म को बनाने वालों को फांसी दी जानी चाहिए।
इससे पहले जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट भी किया था और द केरल स्टोरी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मराठी में लिखा था कि यह फिल्म झूठ का चरम दिखाती है। केरल की तस्वीर उससे कहीं अलग है, जैसा दिखाया गया है। उन्होंने लिखा कि विदेश से भारत आने वाली रकम में 36 फीसदी हिस्सा केरल से बाहर गए लोगों का है। आव्हाड ने कहा, 'बीते साल देश में 2.36 लाख करोड़ रुपये की रकम विदेश में रहने वाले केरल मूल के लोगों ने भारत भेजी थी। केरल में साक्षरता की दर 96 फीसदी है, जबकि पूरे भारत का आंकड़ा 76 फीसदी ही है। केरल में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या 0.22 फीसदी ही है, जबकि देश भर में यह आंकड़ा 22 पर्सेंट का है।'
जितेंद्र आव्हाड ने कुछ और आंकड़े देते हुए कहा कि केरल में शिशु मृत्यु दर 6 फीसदी ही है। असम में यह आंकड़ा 42 पर्सेंट हैं और यूपी में 46 फीसदी है। केरल की प्रति व्यक्ति आय पूरे देश के मुकाबले 7 फीसदी अधिक है। पूरा मामला सिर्फ तीन लड़कियों को लेकर है, लेकिन फिल्म में 32,000 का दावा किया गया है। इस फिल्म में जैसा दिखाया गया है, उसमें अपनी बहनों को कमतर समझने की सोच है। ऐसा दिखाने की कोशिश है कि हमारी बहनें मूर्ख हैं और उन्हें कुछ भी मालूम नहीं है। फिल्म में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमतर दिखाया गया। केरल के नाम पर बनी फिल्म की यही सच्चाई है।
एनसीपी नेता ने कहा कि इन फिल्मों को हिंसा कराने के लिए बनाया जा रहा है। झूठ के भरोसे नफरत फैलाने और उसके जरिए चुनाव लड़ने की तैयारी हो रही है। गौरतलब है कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कल राज्य में फिल्म को बैन करने का ऐलान किया था। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि इस फिल्म को भाजपा की फंडिंग से बनाया गया है। अब ऐसी ही एक फिल्म बंगाल को लेकर भी बनाई जा रही है, जिसमें राज्य को बदनाम करने की कोशिश होगी।