जामताड़ा के साइबर ठगों ने बदला पता और पैंतरा, इस तरह झांसे में बिल्कुल न आएं
नई दिल्ली
यदि आपको एसएमएस पर चेतावनी मिलती है कि आपके घर की बिजली आपूर्ति कुछ घंटों में काट दी जाएगी या एक नौकरी की पेशकश मिलती है, तो बिना कंफर्म के तुरंत यकीन मत करना। क्योंकि इसकी पूरी संभावना है कि यह जामताड़ा के साइबरों ठगों द्वारा रचा जाल है, जिससे वे आपको फंसाना चाह रहे हैं और कईयों को अपने फांसे में ले भी चुके हैं। झारखंड का सबसे गरीब जिला जामताड़ा साइबर ठगी में सबसे कुख्यात है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि एजेंसियों की छापेमारी के बाद इन साइबर ठगों ने अपना पता और ठगी का पैंतरा बदल दिया है। अब इस तरह की गतिविधियां बंगाल के औद्योगिक शहर आसनसोल से संचालित हो रही है।
जामताड़ा के जालसाज जहां पहले लोगों से क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के सवालों को पूछकर साइबर ठगी करते थे लेकिन, अब इन्होंने ठगी का पैंतरा बदल दिया है। अब इनके पास नए-नए सवाल हैं, जिनसे ये लोगों को ठग रहे हैं। आसनसोल के नेमतपुर के एक पूर्व साइबर अपराधी मोहम्मद गाज़ी (बदला हुआ नाम) ने कहा, "वे लोगों के डर, लालच और असुरक्षा का शिकार होते हैं।" उसने दावा किया कि उसके कुछ परिचितों को गिरफ्तार किए जाने के बाद उसने ये काम छोड़ दिया है।
ठगों ने खोजा नया तरीका
कहा, “जब हम इस चिलचिलाती गर्मी में बिजली कटने के बारे में एसएमएस भेजते हैं तो लोग डर जाते हैं और जाल में फंस जाते हैं। कई लोग वर्क-फ्रॉम-होम नौकरी के चक्कर में पड़ जाते हैं और अच्छा भुगतान करने का वादा करते हैं। वे हमारे दिए लिंक पर क्लिक करते हैं और फिर उनके साथ ठगी हो जाती है।
जामताड़ा से आसनसोल तक ठगी का कारोबार
साइबर ठगों का सुरक्षित ठिकाना लंबे वक्त से जामताड़ा रहा है लेकिन, केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी के बाद से इन साइबर ठगों का नया पता अब आसनसोल है। इन कई साइबर अपराधियों के आसनसोल में रिश्तेदार हैं, इसलिए यहां शरण लेना और "व्यवसाय" फिर से शुरू करना इनके लिए आसान है।