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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सभी देशों से मीडिया और सच को निशाना बनाना बंद करने की अपील की

संयुक्त राष्ट्र
 संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर चेतावनी दी कि “दुनिया के हर कोने में मीडिया पर हमले हो रहे हैं”। उन्होंने सभी देशों से आग्रह किया कि वे सच्चाई और इसकी जानकारी देने वालों को निशाना बनाना बंद करें।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने 2022 में मीडियाकर्मियों की हत्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि को ‘अविश्वसनीय’ बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रेस की स्वतंत्रता “लोकतंत्र और न्याय की नींव है” और कहा कि यह खतरे में है।

उन्होंने कहा कि 2022 में कम से कम 67 मीडियाकर्मी मारे गए। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के अनुसार डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया ने चरमपंथियों के लिए झूठे आख्यानों को आगे बढ़ाना और पत्रकारों को परेशान करना आसान बना दिया है।

गुतारेस ने कहा, “दुष्प्रचार और घृणा भरे भाषणों से सच्चाई को खतरा है, जो तथ्य और कल्पना के बीच, विज्ञान और साजिश के बीच की रेखाओं को धुंधला करने की कोशिश कर रहा है।”

गुतारेस ने कहा कि मीडिया उद्योग के पतन से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरा है। उन्होंने कहा कि इस पतन के कारण स्थानीय समाचार संस्थाएं बंद हो गई हैं और मीडिया “कुछ लोगों के हाथों में” चला गया है।

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में सरकारों द्वारा पारित किए गए नए कानून धमकी भरे हैं। जैसे कि रूस का 2022 का कानून, जिसके मुताबिक अगर कोई भी उसकी सेना के बारे में ऐसी जानकारी प्रकाशित करता है जिसे रूस गलत मानता है तो उसे 15 साल तक की जेल हो सकती है।

रूस ने मार्च के अंत में ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के पत्रकार इवान गेर्शकोविच को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया था, जबकि जर्नल से पूछे जाने पर उसने ऐसी किसी भी बात को नकार दिया था। बाइडन प्रशासन ने कहा कि गेर्शकोविच को गलत तरीके से हिरासत में लिया जा रहा है और वह उसकी रिहाई के लिए काम कर रहा है।

गुतारेस ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मीडियाकर्मियों को निशाना बनाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें नियमित रूप से परेशान किया जाता है, डराया जाता है और हिरासत में लिया जाता है। उन्होंने कहा कि लगभग तीन-चौथाई महिला पत्रकारों ने ऑनलाइन हिंसा का सामना किया और एक-चौथाई को शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।

गुतारेस ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम के लिए एक वीडियो संदेश में यह बात कही। ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार दिसंबर 1993 में घोषित किया और हर तीन मई को आयोजित करने के लिए अधिकृत किया।

महासचिव ने कहा कि पत्रकारों को अपना काम करने पर मिल रहीं धमकियों, उन पर हो रहे हमलों और उनके कारावास को रोकने के लिए दुनिया को एकजुट होना चाहिए और झूठ और दुष्प्रचार को रोकना चाहिए। उन्होंने कहा, “जब पत्रकार सच्चाई के लिए खड़े होते हैं तो दुनिया उनके साथ खड़ी होती है।”

 

 

Pradesh 24 News
       
   

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