बृजभूषण ने दी प्रियंका को खुली चुनौती- यूपी की किसी भी सीट से मेरे खिलाफ चुनाव लड़ लें
लखनऊ
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। खिलाड़ियों के विरोध प्रदर्शन को राजनैतिक हस्तियों का समर्थन भी मिल रहा है। बीते दिनों कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ खड़ी नजर आई थीं। बृजभूषण सिंह ने इस पर रिऐक्शन देते हुए कहा था कि उन्हें तथ्य नहीं पता है। प्रियंका को जिस दिन सच्चाई पता चलेगी, उन्हें महसूस होगा कि उन्हें वहां नहीं जाना चाहिए था। उन्होंने प्रियंका को चुनौती भी दी कि वह यूपी की किसी भी सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ जाएं, उनकी गलतफहमी दूर हो जाएगी।
यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस के यहां कई नेताओं को पता है कि सच क्या है? देवरिया से लेकर लखीमपुर खीरी तक सब एक दूसरे को जानते हैं कि कौन क्या है? उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी बिना सोचे-समझे आरोप लगा रही हैं जबकि कांग्रेस के स्थानीय नेता भी मेरे साथ हैं। बृजभूषण ने कहा, 'प्रियंका गांधी को तथ्य पता नहीं है। दीपेंद्र हुड्डा जो शुरू से इस कहानी के कथाकार हैं, वह उन्हें बहकाकर ले आए। जिस दिन प्रियंका को सच्चाई पता चलेगी, जांच की रिपोर्ट आ जाएगी, उन्हें महसूस होगा कि मुझे नहीं जाना चाहिए था।'
सिंह ने कहा, 'प्रियंका गांधी गलतफहमी में हैं। मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूं कि कैसरगंज, गोंडा, श्रावस्ती या आसपास की किसी भी लोकसभा सीट से मेरे सामने चुनाव मैदान में उतर जाएं। सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी।' उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर भी निशाना साधा। भाजपा सांसद ने एक उद्योगपति का नाम लिए बगैर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मेरे विरुद्ध साजिश के लिए एक बड़ा उद्योगपति जिम्मेदार है। नाम पूछने पर उन्होंने कहा, 'नाम ले लिया तो जान से मार दिए जाएंगे। हजारों करोड़ों का आदमी है वह, मरवा देगा मुझे।'
पुलिस की जांच के बारे में पूछे जाने पर सांसद ने कहा, 'अभी दिल्ली पुलिस ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। पुलिस जहां बुलाएगी, वहां जाने के लिए तैयार हूं।' गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर सात महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण और धमकाने के आरोपों को लेकर शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज कीं। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है जिसके तहत यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।