स्वास्थ्य पर लोगों का खर्च घटा, सरकारी व्यय में काफी बढ़ोतरीः डॉ. मांडविया
नईदिल्ली
स्वास्थ्य पर लोगों की जेब से होने वाले खर्च में कमी आई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि कुल स्वास्थ्य व्यय में आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय 2014-15 में 62.6 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 47.1 प्रतिशत हो गया है। इसी अवधि के दौरान सरकारी स्वास्थ्य व्यय में काफी वृद्धि हुई। इसने करोड़ों गरीब और कमजोर परिवारों के लिए स्वास्थ्य सेवा को किफायती बना दिया है।
बता दें कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) की रिपोर्ट जारी की। साल 2019-20 के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमानों के अनुसार, कुल स्वास्थ्य खर्च में सरकार की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है जिसके कारण परिवारों को स्वास्थ्य सेवा पर कम खर्च करना पड़ रहा है। सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी) में स्वास्थ्य से जुड़े खर्च की हिस्सेदारी के रूप में देखा जाए तो यह वर्ष 2014-15 के 1.13 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 1.35 प्रतिशत हो गई।
बीते पांच साल में स्वास्थ्य पर 17 फीसदी तक जेब खर्च कम हुआ है जबकि स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च में करीब 13 (12.8) फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी मंगलवार को जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य खाता 2019-20 रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि कुल जीडीपी में सरकारी स्वास्थ्य व्यय पर बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2014-15 की तुलना में कुल स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च 28.6 फीसदी से बढ़कर 2019-20 में 41.4 फीसदी दर्ज किया गया है। इसी अवधि में, सरकारी खर्च का शेयर 3.9 से बढ़कर 5.02 फीसदी रहा। इन्हीं पांच वित्तीय वर्ष में जेब खर्च भी 64.2 से घटकर 47.1 फीसदी रह गया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने रिपोर्ट पर कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2011 में एक फ्रेमवर्क तैयार किया था जिसके आधार पर देश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य खाता रिपोर्ट तैयार की जाती है।
12.14 फीसदी रही केंद्र सरकार की हिस्सेदारी… रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थ केयर फाइनेंसिंग स्कीम्स द्वारा कुल वर्तमान स्वास्थ्य व्यय (2019-20) 5.93 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी करीब 12.14 फीसदी यानी 72,059 करोड़ रुपये रही जबकि राज्य सरकारों की हिस्सेदारी 20.03 फीसदी यानी 1,18,927 करोड़ रुपये रही।