भोपालमध्यप्रदेशराज्य

भूख हड़ताल पर बैठे जिला पंचायत भोपाल के जनप्रतिनिधि

केंद्र-राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं होने से ग्रामीणों में मचा हाहाकार

भोपाल। जिले में अधूरी नल-जल योजनाओं, पेय जल की भोपाल और बैरसिया जनपद के ग्रामों में हाहाकार मचा हुआ है, पीएचई अधिकारी मनमानी पर उतर गए हैं, ग्रामीण जनों को पेयजल मुहैया नहीं करवा रहे हैं। ग्रामीण हितग्राहियों की पेयजल को लेकर समस्याओं का समाधान नहीं मिलता देख जिला पंचायत भोपाल के उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट के नेतृत्व में जिला पंचायत भोपाल के सदस्यों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी हैं। गुरुवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट, सदस्य विनय मेहर, चंद्रेश राजपूत, देवकुवर हाड़ा समेत सुरेश राजपूत, अनिल हाड़ा और विनोद राजोरिया जिला पंचायत परिसर में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। जिला पंचायत उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट ने चार दिन पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को इसकी जानकारी दे दी थी। जनप्रतिनिधियों के प्रदर्शन से जिम्मेदार अफसरों की सांसें फूल गई हैं। बीती रात वे जनप्रतिनिधियों को मनाने में जुटे रहे।

पीएचई विभाग में जनप्रतिनिधियों की भी नहीं हो रही सुनवाई: भूख हड़ताल पर भोपाल जिला पंचायत सदस्य
अधूरे काम, पेयजल को लेकर परेशान है जनता: मोहन सिंह जाट

अधूरी योजनाओं के कारण गांवों की बड़ी आबादी गर्मी में पानी के लिए परेशान हो रही है। इसे लेकर जिला पंचायत की बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट मुद्दा भी उठ चुके हैं, पर पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नहीं जागे। इस कारण जिपं उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट ने कलेक्टर को पत्र लिखा था। जिसमें कहा था कि जिपं ऑफिस परिसर में ही 24 अप्रैल से भूख हड़ताल पर बैठूंगा। हालांकि, कलेक्टर को पत्र लिखते ही सीईओ ईला तिवारी ने नल-जल योजनाओं के बारे में 3 दिन में रिपोर्ट मांग ली थी। उन्होंने जनपद पंचायत फंदा एवं बैरसिया अंतर्गत स्वीकृत, हस्तांतरित, ट्रायलरन, प्रगतिरत नल-जल योजनाओं के निरीक्षण, जांच कराने के लिए टीमें बना दीं। इस टीम में पीएचई, जनपद के इंजीनियर, सचिव, रोजगार सहायक शामिल किए गए, जो जिला पंचायत के सभी सदस्य को अवगत कराते हुए निरीक्षण/जांच करेंगे। यह रिपोर्ट भी गुरुवार को ही पेश कर दी जाएगी।

15 दिन में योजना को पूर्ण करने का दिया था आश्वासन 

जिपं उपाध्यक्ष जाट ने कलेक्टर को पत्र में लिखा कि 27 मार्च को साधारण सभा की बैठक हुई थी। इसमें जल जीवन मिशन योजना के तहत विभागीय अधिकारियों को 15 दिन में अधूरी नल-जल योजनाओं को पूरा करने को कहा गया था, लेकिन 23 अप्रैल का दिन भी बीत गया। बावजूद अब तक न तो कोई रिपोर्ट दी गई और न ही गांवों में पेयजल संकट खत्म हुआ है।

इन गांवों में पानी की परेशानी

वर्तमान में खजूरी, गुनगा, कनेरा, शाहपुरा, देवपुरा, गोलखेड़ी, कुठार, चंदेरी, दुपड़िया, कालापीपल, तारा सेवनिया, आचारपुरा, करारिया, सेमरीखुर्द, खितवास, चाचाहेड़ी, गोंदीपुरा, परवलिया, बरेलाखेड़ा, लहारपुरा सहित जनपद पंचायत फंदा और बैरसिया की पंचायतों में लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं।

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