सत्ता और संगठन में सामंजस्य की कमी से नहीं हो पा रहा निवास का विकास
निवास को जिला बनाओं एवं नर्मदा जल लाओं जनता की मुख्य मांग,
मंडला
जिले की तहसील निवास 1904 की पुरानी होने के बाद भी जिले का दर्जा नहीं मिल सका। वहीं यहां की जनता का कहना है महाकौशल क्षेत्र की जिस तरह उपेक्षा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह ने की है जिसके कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह में निरंतर गिरावट आई है । मंडला और डिंडौरी जिले की पांच विधानसभा में चार कांग्रेस पास है। मंडला विधानसभा भाजपा के पास है। जिसका मुख्य कारण सत्ता और संगठन में सामंजस्य की कमी वहीं मंडला जिले की निवास विधानसभा के साथ एक महत्वपूर्ण संयोग जुड़ा है कि जिस दल का विधायक निवास से चुनाव जीतता है उसी दल की सरकार प्रदेश में बनती है। भाजपा शासन काल में जिस तरह निवास तहसील को बर्बाद किया गया है।
जिसकी भरपाई निवास को जिला बनाकर और नर्मदा जल लाकर किया जा सकता है। लेकिन प्रदेश के मुखिया इस जन मांग को हल्के में ले रहे हैं। और अभी भी सरकार की आंख नहीं खुल रही जबकि सामने चुनाव आने वाला है, वहीं जनता प्रदेश का कहना है कि क्या कारण है कि हमारे मुख्यमंत्री का निवास प्रवास बार बार स्थिगत करवा दिया जाता रहा है। या फिर मुख्यमंत्री जी का निवास से कोई लगाव नहीं है। इसलिए यहां आने से कतरा रहे हैं। देर सबेरे अब मुख्यमंत्री का निवास आगमन निवास हो रहा तो क्या मुख्यमंत्री जी निवास को जिले की सौगात देंगे यह हर क्षेत्र की जनता के मन में प्रश्न है?
निवास तहसील को जिला बनाना व्यवहारिक नहीं-श्री कुलस्ते
मण्डला सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मण्डला में एक प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया कि निवास तहसील को जिला बनाने की मांग बहुत पुरानी है इस पर आपका क्या कहना है तो उन्होंने ने कहा निवास को जिला बनाना व्यवहारिक नहीं है। वहीं जनता का कहना है कि 1984 में जिस निवास को जिला बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया था उस निवास की तस्वीर किसने खराब किया, निवास जिला बनने से क्या हानि और परेशानी है।
जिला बनाओं संघर्ष समिति का कहना है कि मंत्री …"माई के लाल बाला डायलॉग ने शिवराज जी को सत्ता से बाहर कर दिया था
ये जनता है सब जानती है" सामने चुनाव हैं।
संघर्ष समिति का आगे कहना है निवास का जिला बनना या किसी भी तहसील से जिला बनना अव्यौहारिक नहीं विकास कहलाता है विकास खंडों को मिलाकर तहसील और तहसीलों को मिलाकर जिला और जिला को मिलाकर संभाग बनता है और ये सब जनता के हित में और सुविधानुसार राज्य सरकार बनाती है। भाजपा की रीति नीति भी यही है….
"सबका साथ सबका विकास"
समाज के अंतिम व्यक्ति तक शासन का लाभ पहुंचाया जाए।
विधायक डा. मर्सकोले का निवास की मांगों का समर्थन मिला-
वर्तमान विधायक डा. अशोक मर्सकोले
के कार्यकाल के लगभग पांच छै माह शेष है और चुनाव के समय निवास जिला बनाने और नर्मदा जल ये दोनों मांगों का डाॅ. मर्सकोले समर्थन किया था। आपके द्वारा विधानसभा निवास की समस्याओं के निराकरण के लिए पदयात्रा भी की गई थी। वहीं निवास को जिला घोषित करने हेतु विधानसभा में भी आवाज उठाई, साथ। ही उनका कहना है में जनता की मांग के साथ हूं।
जनता कह रही है कि रामप्यारे कुलस्ते के कार्यकाल की नाराजगी के कारण आपको निवास विधायक बना दिया। आप से जनता की बहुत उम्मीद लगी थी आपके द्वारा मुद्दे उठाये गये पर उठाये गये मुद्दों पर सरकार ने हल्के में लिया।
निवास का ऐसे हुआ विखंडन –
निवास में सिविल अस्पताल की मांग में कुछ नहीं हुआ, निवास से ट्रेजरी कार्यलय हटा दिया गया, किसी ने नेता ने विरोध नहीं किया,
निवास में पासपोर्ट कार्यालय खुलना था अधिकारी तैयार थे लेकिन नहीं खुला, निवास आई टी आई से फिटर ट्रेड बालाघाट पूर्व विधायक रामप्यारे कुलस्ते के कार्यकाल में भिजवा गया गया फिर वापसी का कोई प्रयास नहीं किया, कृषि उपज मंडी 2008 में स्वीकृत है, जो आज तक नहीं मिली, सांसद वर्तमान केन्द्रीय मंत्री श्री कुलस्ते के द्वारा सन् 2018 / 2019 में तात्कालीन रेल मंत्री गोयल जी को एक प्रस्ताव दिया गया था जिसमें उमरिया शहपुरा निवास मंडला को रेल लाइन से जोड़ा जाना था। इस संबंध निवास की जनता मंत्री को ध्यान दिलाना चाहती है। निवास से जल संसाधन संभागीय कार्यालय मय स्टाफ राहतगढ़ भिजवा दिया गया और कुलस्ते बंधुओं ने रुकवाने का कोई प्रयास नहीं किया, पिछले 15 बीस वर्षों में भाजपा शासन काल में निवास विकास के लिए क्या किया गया, जिला बनाओ संघर्ष समिति सत्ता पक्ष और विपक्ष से निष्पक्ष जांच कराने की मांग करती है।
सीएम को सौंपा जायेगा ज्ञापन –
निवास जिला बनाने की मांग को लेकर जिला बनाओं संघर्ष समिति सीएम को उनके आश्वासन को स्मरण करायेगी, जिसके लिए संघर्ष समिति की तैयारी और बैठकें जारी है, और संघर्ष समिति द्वारा 27 तारीख को उनके आगमन पर ज्ञापन दिया जायेगा।
जन चर्चा में है की शायद मुख्यमंत्री का इसी माह की 27 तारीख को निवास आने का है, क्षेत्र की जनता की नजर मुख्यमंत्री की निवास जिले की घोषणा पर टिकी हुई हैं। क्या जनता की यह मांग मुख्यमंत्री जी पूरी करेंगे या फिर जनता को पहले जैसा आश्वासन पुलिंदा पकड़ा देंगे यह समय बतायेगा।
इनका कहना है –
निवास की दुर्दशा क्यों हुई और इसके जिम्मेदार कौन है? निवास को लगातार छिन्न भिन्न किया जाता रहा और जनप्रतिनिधि मौन थे या मौन स्वीकृति थी और यदि ऐसा नहीं है तो कुलस्ते बंधुओं ने कभी भी सीएम साब से मंच पर निवास को जिला बनाने और निवास में नर्मदा जल लाने या लगातार विभाग हटाए जाने के मुद्दे पर कभी कोई बात नहीं रखी
आगामी 27 अप्रेल को कुलस्ते जी के गृह ग्राम में सीएम साब आ रहे हैं, निवास की कितनी चिंता इनको है इनके मांग पत्र से सभी के सामने आ जाएगी जिस निवास ने सांसद जी को सर आंखों पर रखा और आज जिस बुलंदी पर है वो निवास की भगवान तुल्य जनता के बदौलत हैं।आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका निर्णय निवास की जनता करेगी।
प्रदीप जैन
संयोजक
जिला बनाओ संघर्ष समिति निवास