जबलपुरमध्यप्रदेश

केन्द्र की मंजूरी के बाद चुटका संघर्ष की राह पर ग्रामीण जन आक्रोश

मंडला
केन्द्र सरकार द्वारा चुटका परमाणु संयंत्र को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दिये जाने के बाद क्षेत्रीय लोगों के बीच बैचेनी और आक्रोश फैला हुआ है।इसी को लेकर कल गुरुवार को चुटका गांव में आसपास के प्रमुख लोगों की बैठक आयोजित किया गया था। उक्त बैठक में पाठा,भालीवाङा, कुंडा,टाटीघाट, चुटका, मोहगांव, मुसाखोह, चौकी सिंघनपुरी और अमदरा गांव के लोग शामिल हुए। चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष दादु लाल कुङापे ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों की प्रशासनिक व्यवस्था में राज्यपाल को सर्वोच्च शक्ति एवं अधिकार दिया गया है।

यह शक्ति संविधान के किसी भी प्रावधानों से मुक्त है।आदिवासियों से किसी प्रकार के जमीन हस्तांतरण का नियंत्रण करना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है। 12 दिसम्बर 2017 को मंडला की चेतावनी सभा में परियोजना निरस्त करने सबंधि 101 ग्राम सभाओ का ज्ञापन एसडीएम मंडला के माध्यम से राज्यपाल को भेजा गया था।

उक्त ज्ञापन पर राज्यपाल महोदय  द्वारा हस्तक्षेप नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।पाठा के सुभाष बर्मन ने कहा कि चुटका संयत्र बनने के बाद सुरक्षा कारणों से 10 किलोमीटर के दायरे में मत्स्याखेट और डूब से खुलने वाली भूमि पर खेती प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।जिससे मछुआरा सहित किसानों की आजिविका पर गहरा संकट आएगा। मोहगांव के मुन्ना यादव ने कहा कि झांझनगर- मोहगांव के बीच में बीजाडांडी और नारायणगंज के गांव को बरगी जलाशय से जलप्रदाय योजना का निर्माण कराया जा रहा है।

क्षेत्र की जनता सरकार के इस पहल का स्वागत करता है,परन्तु यह चुटका से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है।विकिरण युक्त पानी पीने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पङेगा,इसलिए चुटका परियोजना निरस्त करना क्षेत्र के हित में है।चौकी सिंघनपुरी के माखन लाल सैयाम ने कहा कि एक बार फिर चुटका परियोजना निरस्त करने का प्रस्ताव अधिक से अधिक गांव का लिया जाकर कलेक्टर मंडला के माध्यम से राज्यपाल को भेजा जाए। इस महत्वपूर्ण लङाई में पुरा आदिवासी समाज आपके साथ खङा है।बीजाडांडी मुसाखोह के शारदा यादव ने कहा कि चुटका संयत्र को प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध कराए जाने के लिए फिडर डेम के रूप में बसनिया (औढारी) बांध का निर्माण किया जा रहा है।जबकि इस बांध का स्थानिय समुदाय विरोध कर रहा है।

           चुटका की मीराबाई मरावी ने कहा कि सबलोग इस घातक परियोजना के विरोध में हैं तो सरकार को यह बात समझ लेना चाहिए। हमलोग संघर्ष के लिए तैयार हैं जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।उपस्थित लोगों ने सहमति जताया कि  रैली निकालकर मंडला कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेज कर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग किया जाए।इस कार्यक्रम में सोना बाई, चिराग बाई,सेबवती बाई, गहबर सिंह,विक्रम सिंह, धन्नू लाल मरावी,दीप चंद यादव, आशाराम, डुमारी लाल,नव रत्न बरकङे, मंगल सिंह,केहर आदि उपस्थित थे।

Pradesh 24 News
       
   

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