बिलासपुर/रायपुर
छत्तीसगढ़ सहकार भारती का प्रांतीय अधिवेशन 15-16 नवंम्बर को बिलासपुर के कोनी स्थित स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल स्मृति सभा गृह में सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदयजोशी के मुख्य अतिथि में संपन्न हुआ।
राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने सहकार भारती के कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में काम करनें कि छत्तीसगढ़ में असीम संभावनाएं है। सहकारिता के बढ़ते काम काज को देखते हुए केंद्र सरकार ने अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय की जिम्मेदारी देश के गृह मंत्री अमित शाह को दिया गया है। इस दौरान सहकार भारती के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री व राष्ट्रीय कार्य कार्यकारणी सदस्य विष्णु बोबड़े व प्रदेश अध्यक्ष वेद राम वर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम के पहले दिन सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदयजोशी की अध्यक्षता में प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें पिछले तीन साल काम काज की समीक्षा हुई। इसके बीच सहकार भारती को प्रदेश में कैसे बढ़ाया जाये इस पर विचार मंथन किया गया।
प्रथम सत्र की शुरूआत सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष वेद राम वर्मा ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। तत्पश्चात् कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री व राष्ट्रीय कार्य कार्यकारणी सदस्य विष्णु बोबड़े ने प्रदेश भर से आये सहकार भारती के कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल बड़े-बड़े काम सहकारिता के माध्यम से हो रहा है। इसलिए सहकारिता का महत्त्व और बढ़ गया है। आप लोग भी लोगों के लिये आगे बढ़ कर काम करें।
दूसरे सत्र में प्रदेश सहकार भारती के नये पदाधिकारियों का निर्वाचन हुआ। इसकी घोषणा राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने की। जिसमें प्रदेश सहकार भारती नये अध्यक्ष के रूप में राधेश्याम चंद्रवंशी व महांमत्री के रूप में कनीराम नंदेश्वर का चयन किया गया। इसके अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में अशोक कुमार दीवान (रायपुर) संत्येन्द्र शर्मा बिलासपुर, प्रदेश मंत्री मनोज तिवारी, डॉ. जया द्धिवेदी, कोषाध्यक्ष, रामप्रकाश केशरवानी, मछुआ प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक नरेश मल्लाह, गन्ना प्रकोष्ठ, के संयोजक चिन्मयं गोस्वामी को नियुक्त किया गया। वहीं सहकार भारती के प्रदेश संरक्षक के रूप में वेदराम वर्मा के नाम की घोषणा की गई।
श्री जोशी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी सहकारिता मंत्रालय बनाया है। जिसकी जिम्मेदारी केदार कश्यप को दी गयी है। आजकल बड़ा से बड़ा काम सहकारिता के माध्यम से हो रहा है। इसका सबसे बडा उदारहण धान खरीदी है। आज सहकारिता के क्षेत्र में युवाओं को आगें आने की जरूरत है। श्री जोशी ने कहा कि सहकारिता का मुख्य उद्देश्य समाज के उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर उसे सुविधाएँ उपलब्ध करना होता है। सहकार भारती की यह धारणा है कि समाज के दलित, शोषित और असंगठित समाज को स्थायी रूप से आर्थिक विकास के विभिन्न संशसाधनों में सहकारिता की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। सबके साथ मिलकर काम करने की भावना ही सहकारिता है। आज देश भर में 28 प्रदेशों व 650 से अधिक जिला केन्द्रों में आज सहकार भारती काम कर रही है।
विशेष अतिथि के रूप में इंन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंदेल ने कहा कि सहकार भारती के अधिवेशन में आकर मैं गौरन्वावित महसूस कर रहा हूँ। सहकारिता आज सभी क्षेत्रों में काम कर रही है। विशेष अतिथि त्रिलोक श्रीवास नें सहकार भारती के कार्यकतार्ओं को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि सहकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक है। इस अधिवेशन में प्रदेश भर से आए सहकार भारती के कार्यकर्ता व पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे। इसमें प्रमुख रूप से सहकार भारती के राष्ट्रीय महिला प्रमुख शताब्दी पांडेय, बंसत ठाकुर, रामकुमार श्रीवाश, गणेश राम साहू प्रशांत तिवारी, शामिल थे।