कांग्रेस राज में ‘आराम’ में था मुख्तार, AAP का 55 लाख चुकाने से इनकार
नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को लेकर पंजाब में राजनीति गर्मा रही है। गुरुवार को ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 55 लाख रुपये के बिलों की फाइल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी सरकार अब कांग्रेस की पिछली सरकार के मंत्रियों से वसूली पर विचार कर रही है। अंसारी रोपड़ सेंट्रल जेल में बंद रह चुका है।
खास बात है कि ये 55 लाख रुपये की फाइल कानूनी फीस से जुड़ी हुई है। उस दौरान कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेश सरकार ने वकीलों को नियुक्त किया था। सीएम मान ने जालंधर में एक रैली के दौरान इसे जनता के रुपयो की लूट करार दिया है। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'यह वसूली की जानी है। हम कानूनी जानकारी से बात कर रहे हैं। हम इसे सरकारी खजाने में से नहीं देंगे।'
इससे पहल उन्होंने ट्वीट किया था, 'उत्तर प्रदेश के एक अपराधी को रोपड़ जेल में सुविधाओं और आराम के साथ रखा गया था…। उसे 48 बार वारंट जारी होने के बाद भी पेश नहीं किया गया… महंगे वकीलों को लगाया गया… इसका खर्च 55 लाख रुपये था। मैंने वह फाइल लौटा दी है, जिसमें वकीलों को करदाताओं को रुपयों से भुगतान किए जाने की सिफारि की गई थी।'
उन्होंने कहा, 'मैं खर्च को तत्कालीन मंत्रियों से वसूलने के बारे में सोच रहा हूं, जिनमें आदेश से ये फैसले लिए गए।' हालांकि, उन्होंने ट्वीट में अंसारी के नाम का जिक्र नहीं किया। उस समय कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह थे और सुखजिंदर सिंह रंधावा जेल मंत्री थे।
अंसारी को लेकर जारी है जांच
पंजाब की आप सरकार पहले ही अंसारी के प्रदेश में रहने को लेकर जांच करा रही है। डीजीपी आर एन ढोके की अगुवाई वाले दल ने कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें अंसारी के रहने के दौरान जेल विभाग की तरफ से कई तरह की चूक की बात कही गई है। अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रोपड़ जेल में था।
पंजाब की जेल में क्यों था यूपी का माफिया
दरअसल, अंसारी मोहली में दर्ज एक जबरन वसूली के मामले में रोपड़ जेल में था। उस दौरान कांग्रेस शासित पंजाब सरकार ने उसे यूपी ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अंसारी को बांदा जेल लाया गया था।