छत्तीसगढराज्य

केके श्रीवास्तव के महादेव सट्टा और मनी लाड्रिंग से जुड़े तार, नेताओं की ब्‍लैक मनी को करता था व्‍हाइट

रायपुर

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव के खिलाफ ईडी में दर्ज ईसीआइआर की शुरुआती जांच में कई बड़े राजफाश हुए हैं। जांच में महादेव बेटिंग एप से जुड़ी कई कड़ियां भी सामने आई हैं। दरअसल रावत एसोसिएट्स से प्राप्त फंड एरोजेट एंटरप्राइजेज को भेजे गए थे। यह कोलकाता स्थित मजेस्टिक कमर्शियल से जुड़ा हुआ है और महादेव बेटिंग एप से संबंधित है।

मनी लॉन्ड्रिंग लिंक की जांच के दौरान फोरेंसिक ऑडिट में धोखाधड़ी का नेटवर्क उजागर हुआ है। फोरेंसिक ऑडिट में केके श्रीवास्तव की मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क में भी संलिप्तता सामने आई है। यह महादेव बेटिंग एप से जुड़े वित्तीय गतिविधियों से संबंधित है।

नकदी को विदेशी खातों में किया ट्रांसफर
जांच में यह भी साफ हुआ है कि कागजी कंपनियों के जरिए नकदी को विदेशी खातों में स्थानांतरित किया गया है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन भी किया गया है। फिलहाल रायपुर पुलिस के अलावा ईडी भी श्रीवास्तव की तलाश में जुटी हुई है। रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने आरोपी का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रायपुर ज़ोनल ऑफिस ने केके श्रीवास्तव के खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम की धारा 3 के तहत प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) तेलीबांधा पुलिस थाने में दर्ज की है। श्रीवास्तव पर नोएडा की रावत एसोसिएट्स नामक निर्माण कंपनी को स्मार्ट सिटी योजना के तहत सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये का धोखा देने का आरोप है।

ईडी की फोरेंसिक ऑडिट और पुलिस जांच से कई संदिग्ध धन प्रवाह का पता चला है। उन पर हवाला के माध्यम से दिल्ली तक बड़े पैमाने पर पैसे भेजने और नेताओं की अवैध कमाई को सफेद करने में संलिप्त होने के सबूत भी मिले है। सूत्रों की माने तो केके श्रीवास्तव के संबंध महादेव बेटिंग एप से जुड़े कई संदिग्ध लेनदेन से पाए गए हैं,जिसकी जांच ईडी कर रही है।

तीन-तीन करोड़ के जारी तीन चेक रद
ईडी की जांच में यह सामने आया कि केके श्रीवास्तव ने तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक जारी किए थे, जिन्हें “स्टाप पेमेंट” के कारण रद कर दिया गया था। इसके अलावा उन पर धोखाधड़ी के दस्तावेज तैयार करने का भी आरोप है, जिनमें ग्लोमैक्स इंडिया और छत्तीसगढ़ सरकार के नाम से फर्जी एग्रीमेंट शामिल है।

वाटसएप चैट से सामने आए कई साक्ष्य
जांच एजेंसी ने यह भी पाया कि श्रीवास्तव ने कथित रूप से प्रभावशाली राजनीतिक संपर्कों का लाभ उठाया था, ताकि रावत एसोसिएट्स को धोखा दिया जा सके। साक्ष्य के तौर पर पेश किए गए वाटसएप चैट में यह पुष्टि हुई है कि श्रीवास्तव ने पूरा भुगतान प्राप्त कर लिया था।

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