जबलपुरमध्यप्रदेश

शासकीय स्कूल परिसर में शव को दफनाने खोदी कब्र, पुलिस के दखल के बाद सुलझा मामला

सागर
 स्कूल को शिक्षा का मंदिर माना जाता है लेकिन तब क्या जब स्कूल को कब्रिस्तान बना दिया जाए। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले के सानौधा इलाके से सामने आया है। यहां के गिरवर में स्कूल परिसर के मैदान को कब्रिस्तान बनाने और यहां कब्र खोदकर मृतक को सुपुर्दे खाक करने की तैयारी का खुलासा हुआ है। जानकारी पर जब प्रशासन पहुंचा तो वहां मौजूद लोग विवाद करने लगे।

प्रशासन ने कब्र को बंद कराकर मृतक को दफनाने के लिए दूसरी जगह दी है। हालांकि इस दौरान लोग विवाद करने पर अमादा हो गए थे। पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ी, धमकी दी तब कहीं जाकर गांव वाले माने। मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संबंधितों को नोटिस भी जारी किए हैं।

ये है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार जिले के सीमावर्ती गिरवर गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल के मैदान में कुछ लोग किसी मृतक को दफनाने के लिए कब्र खोद रहे थे। किसी ने इसकी खबर मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह को दी। उन्होंने तत्काल कलेक्टर संदीप जीआर को मामले की सूचना दी तो प्रशासन हरकत में आया। पुलिसकर्मी यहां पहुंचे और कब्र खोदने और सुपुर्दे खाक की प्रक्रिया रोकने की बात कही तो मृतक के परिजन व समाज के लोग पुलिस को ही धमकी देने लगे।

धमकी के बाद एएसपी दलबल के साथ पहुंचे

स्थानीय पुलिस से जब मामला नहीं संभला और लोग शव को थाने में रखकर प्रदर्शन की धमकी देने लगे तो मामला बिगड़ता देख एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा और प्रशासन का अमला भारी पुलिसबल के साथ गिरवर पहुंच गया। यहां उन्होंने समाज और परिवार के लोगों को समझाइश दी। लोगों का कहना था कि यहां हमारा कब्रिस्तान पहले से था, लेकिन इसके बाजू में स्कूल बना दी गई है। काफी मशक्कत के बाद लोग माने। प्रशासन ने उन्हें मृतक को दफनाने के लिए दूसरी जगह दी है।

छुट्टी के दिन दफनाते हैं शव, 3 महीने पहले भी दफनाया था

जानकारी अनुसार गिरवर के सरकारी स्कूल परिसर में दूसरी दफा कब्र खोदकर मृतक को दफनाने की तैयारी चल रही थी। बीते 14—15 अगस्त को सरकारी अवकाश के दिन यहां पर कब्र खोदकर गांव के किसी व्यक्ति को सुपुर्दे खाक किया गया था। कब्र पर पत्थर भी बकायदा लगाया गया था। अब शुक्रवार 15 नवंबर को भी छुट्टी का दिन था और स्कूल परिसर में कब्र खोदी जा रही थी। यदि समय पर सूचना नहीं मिलती तो लोग दफनाने की प्रक्रिया पूरी कर देते और स्कूल परिसर में दूसरी कब्र तैयार हो जाती।

प्रशासन की गलती है, नोटिस जारी किए हैं

मप्र बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने नवभारत टाइम्स को जानकारी देते हुए बताया कि गिरवर में करीब 3 महीने में दूसरी दफा शव दफनाने का काम चल रहा था। शुक्रवार को अवकाश था, अगस्त महीने में भी अवकाश के दिन ही शव दफनाया गया था। यह गलत है। प्रशासन को मौके पर जाकर देखना था, इसे रोकना था। उस समय रोका जाता तो अभी यह स्थिति नहीं बनती। मामले में आयोग ने संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब—तलब किया है।

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