धार्मिक

कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे शुभ योग, स्नान और दीपदान का है विशेष महत्व

 कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि का अत्यधिक महत्व है। प्रत्येक महीने की पूर्णिमा का अपना विशेष स्थान होता है, किंतु कार्तिक पूर्णिमा का महत्व अद्वितीय है। इस दिन देव दीपावली उत्सव मनता है।

इस दिन स्नान और दान करने से जीवन में समृद्धि और खुशहाली का संचार होता है। साथ ही, यह दिन सुख और शांति का भी प्रतीक है।

कब है कार्तिक पूर्णिमा

    पं. अजय जोशी के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर सुबह 6.20 बजे प्रारंभ होगी और समापन मध्यरात्रि 2.59 बजे होगा।
    पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान और दीपदान का अत्यधिक महत्व होता है। संध्या के समय दीपदान करना चाहिए।
    इस दिन उचित समय पर नदी में स्नान करने से व्यक्ति पापों से मुक्त हो जाता है। जरूरतमंदों को दान देने की परंपरा भी है।

कार्तिक पूर्णिमा पर बनने वाले शुभ योग

पं. जोशी ने बताया कि इस वर्ष पूर्णिमा पर चंद्रमा और मंगल का राशि परिवर्तन एक विशेष योग का निर्माण करेगा, जिसमें दोनों ग्रह एक-दूसरे की राशि में स्थित रहेंगे। इस दिन रात के समय गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा।

इसके अतिरिक्त, बुधादित्य राजयोग भी इस दिन बनेगा। विशेष रूप से 30 वर्षों के बाद कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष राजयोग का निर्माण हो रहा है, क्योंकि अगले 30 वर्षों तक शनि कुंभ राशि में गोचर नहीं करेंगे। इस प्रकार, कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए उपाय और दान पुण्य के कार्यों का फल 100 गुना अधिक प्राप्त होगा।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button