सूडान में भूख-प्यास से भारतीय बेचैन; 4000 का रिस्क्यू कितना मुश्किल?
नई दिल्ली
सूडान की राजधानी खार्तुम आज गुरुवार को भी बम धमाकों और भारी गोलाबारी से दहलती रही। राजधानी के कई इलाकों में ऊंची इमारतों से आग की लपटें और धुआं निकलता रहा। सूडान में प्रतिद्वंद्वी जनरलों के प्रति वफादार बलों के बीच जारी लड़ाई का आज लगातार छठा दिन है। सूडानी सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल मंगलवार शाम से 24 घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए थे, लेकिन उसका पालन नहीं होता दिखा।
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी के अनुसार देश में सप्ताहांत में शुरू हुई हिंसा के बाद से अभी तक कम से कम 270 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 2600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई शव सड़कों पर बिखरे पड़े हैं और झड़प के कारण कई क्षेत्र पहुंच से दूर हैं।
52.74 लाख की आबादी वाले सूडान की राजधानी में लोग डर के साए में जी रहे हैं। लोग राजधानी छोड़कर दूसरे देशों में पलायन कर रहे हैं। इधर, सूडान में फंसे कई भारतीयों के चिंतित परिजन अपने रिश्तेदारों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। चिंतित परिजनों ने भारत सरकार से अपील की है कि संकटग्रस्त अफ्रीकी देश में फंसे लोगों को निकालने की व्यवस्था की जाए।
सूडान में करीब 4,000 भारतीय हैं जिनमें करीब 1200 लोग सूडान में बस गए थे और वे वहां करीब 150 वर्षों से हैं। अन्य प्रवासी भारतीय सूडान में पेशेवरों के रूप में काम कर रहे हैं, वहीं कुछ भारतीय संयुक्त राष्ट्र मिशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में काम कर रहे हैं।
अधिकांश भारतीय सूडान के चार शहरों ओमडुरमैन, कसाला, गेडारेफ या अल कादरीफ और वाड मदनी में बसे हुए हैं। ओमडुरमैन को छोड़कर सभी शहर राजधानी खार्तुम से 200 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि ओमडुरमैन सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर है। इसलिए वहां खतरें की आशंका बढ़ गई है। एयरपोर्ट समेत कई इलाकों में बिजली -पानी की सप्लाई ठप हो चुकी है। ओमडुरमैन सूडान की सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है, इसलिए सेना और अर्धसेना दोनों की इस पर नजरें हैं। यहां से रिस्क्यू कर पाना बहुत मुश्किल लग रहा है।
भारत हिंसा प्रभावित सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब सहित विभिन्न देशों के साथ करीबी समन्वय कर रहा है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उस देश में जमीनी हालात गंभीर हैं और इस समय लोगों की आवाजाही जोखिम भरी होगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हिंसाग्रस्त सूडान की स्थिति पर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की और भारतीयों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक सहयोग देने का भरोसा दिया। भारत, सूडान में हिंसा की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है, खास तौर पर ऐसी स्थिति में जब वहां रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि आवाजाही सुरक्षित हो और लोग जहां कहीं भी हों, सुरक्षित हों तथा विदेश मंत्रालय और खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास सतत रूप से स्थिति पर नजर रखे हुए है। एक सूत्र ने कहा, ''सुरक्षा कारणों के चलते हम विशिष्ट विवरण नहीं दे सकते।''
सूत्रों ने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम कर रहा है, जिसकी सूडान में उल्लेखनीय उपस्थिति है। उन्होंने बताया कि वाशिंगटन में भारतीय राजदूत और लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त सूडान की स्थिति को लेकर संबंधित मेजबान सरकारों के साथ सम्पर्क में हैं। वहीं, नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने सूडान की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए सूचना एवं सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।