बिहार में नीतीश का पलीता लगाने RCP सिंह बनाएंगे नई पार्टी, भाजपा से कोई नाराजगी नहीं
पटना:
तो दिवाली के दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वोट बैंक में पलीता लगाने एक पार्टी का जन्म होने जा रहा है। जी, हां! ठीक सोच रहे हैं कभी नीतीश कुमार के सेनापति रहे आरसीपी सिंह दिवाली के दिन अपनी पार्टी की घोषणा एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए करेंगे। अब पार्टी का नाम क्या है और प्रमुख लोग कौन हैं, सब उसी दिन यानि 31 अक्टूबर 2024 को इन सारे रहस्य से पर्दा उठ जाएगा।
हालांकि राजनीति के चाणक्य तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहे जाते हैं। पर आरसीपी होटल चाणक्य से ही जनता दल यू के विरुद्ध पार्टी खड़ी करने जा रहे हैं। दिवाली के अलावा भी आरसीपी सिंह के लिए 31 अक्टूबर महत्वपूर्ण है। वैसे तो पूरा देश इस नाम पर गर्व करता है, पर बिहार के जातीय संघर्ष में यह दिन विशेष कर कुर्मी समुदाय के लिए काफी मायने रखता है। वह इसलिए कि 31 अक्टूबर को ही सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती है। उनके जन्म दिन के दिन ही आरसीपी अपनी पार्टी का जन्मदिन तय करने जा रहे हैं।
चुनाव आयोग की हरी झंडी का इंतजार
हालांकि पार्टी का नाम तय हो चुका है। पर जब तक चुनाव आयोग से स्वीकृति नहीं मिलती तब तक नाम के बारे में खुलासा नहीं करने जा रहे हैं। वैसे नाम को लेकर चर्चा आरसीपी और उनके करीबियों के बीच हुईं। किसी ने जनता दल (आर) तो किसी ने जन स्वराज बनाने की सलाह दी, जिसे आरसीपी ने कई कारणों से रिजेक्ट कर दिया। अभी तक नाम से पर्दा तो नहीं हटा है। पर कहा जा रहा है कि पार्टी के नाम में जनता और राष्ट्रीय शब्द रहेंगे। इसके अलावा चुनाव आयोग को पांच सात लोगों को नाम भी भेजा गया है, जिनकी संपत्ति का ब्यौरा और अन्य जरूरी जानकारी भी दी गई है। साथ में इन प्रमुख लोगों का एफिडेविट भी दिया जा चुका है कि वह अभी किसी भी राजनीतिक दलों में नहीं हैं। इसके साथ साथ एक हजार की आस-पास वोटर आई कार्ड भी चुनाव आयोग को भेजा गया है।
टाइगर जिंदा है से किया था आगाज
'टाइगर अभी जिंदा है' के पोस्टरों के जरिए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी दहाड़ से राजनीतिक जगत को चौंका दिया। हालांकि आरसीपी राजनीतिक पार्टी बनाने की राह पर है, यह खुलासा सबसे पहले नवभारत टाइम्स.कॉम ने किया था।
जाहिर है तब यह चर्चा भी तेज थी कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा अधूरी ही रह गई है। मगर, इसकी पूर्ति के लिए पहले होम वर्क करेंगे। इनमें पहले चरण में करीबियों की सलाह लेंगे और फिर जनता के बीच जायेंगे।
पहले चरण में आरसीपी ने अपने लोगों से संपर्क किया। फिर गहरे मंथन के बाद इस माह तीन दिवसीय बैठक में पार्टी बना कर चुनावी जंग में शामिल होने पर मुहर लगा।
क्या है चुनावी इरादा?
पिछले दिनों तीन दिवसीय बैठक में चुनाव लड़ने के इच्छुक 138 उम्मीदवारों से बात चित की गई। उन्हें पहले अपने क्षेत्र में पंचायत स्तर तक संगठन खड़ा करने की जिम्मेवारी दी गई है। चुनाव पूर्व वह राज्य के 243 विधान सभा सीटों का अध्ययन करेंगे और फिर उम्मीदवारी तय करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार आरसीपी का मैं फोकस नालंदा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, मुंगेर का क्षेत्र है।