अरबाज़ खान का खुलासा: सलमान खान को धमकियों के बीच परिवार सामान्य जीवन जीने की कर रहा है कोशिश
एक एक्टर के रूप में कई फिल्में कर चुके अरबाज खान ने खुद को संतुष्ट पाया है निर्माता-निर्देशक बनकर। पिछले दिनों अपने चैट शो में मेजबानी दिखा चुके अरबाज इन दिनों चर्चा में हैं अपनी नई फिल्म 'बंदा सिंह चौधरी' से। यहां वे न केवल अपनी फिल्म, जीवन के उतार-चढ़ाव, पत्नी शूरा और सलमान खान के थ्रेट को लेकर बात करते हैं।
आपने अपनी नई फिल्म में खुद के बजाय अरशद वारसी को लिया, क्या आपको मुख्य भूमिका के प्रलोभन ने नहीं सताया?
-जब मैं फिल्म प्रोड्यूस करता हूं, तो मुझे इतने सारे काम होते हैं कि अगर मैं उसमें मुख्य भूमिका करने लगूं, तो मेरा ध्यान प्रॉडक्शन के जरूरी कामों से डायवर्ट हो सकता है। अब मैंने दबंग 2 में खुद को इसलिए कास्ट किया कि मुझे लगा कि मुझसे बेहतर कास्टिंग कोई और हो नहीं सकती और उस वक्त मैं कॉन्सन्ट्रेट कर पाया। उसके बाद मैंने डॉली की डोली भी बनाई, उसमें भी मैं एक किरदार में खुद को कास्ट कर सकता था, मगर मुझे लगा कि रोल के लिए राजकुमार राव, पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा जीशान अयूब जैसे सभी आर्टिस्ट परफैक्ट हैं।
मैं क्रिएटिव प्रोड्यूसर हूं। जब मैंने पटना शुक्ला भी बनाई, तो मैं खुद को चुन सकता था, मगर मैंने नहीं किया। ये फिल्म मेरे पास लेट आई, तब तक इसका काफी प्रोग्रेस हो चुका। इस फिल्म में खुद को कास्ट करने की उतनी संभावना नहीं थी। मैं अपनी फिल्मों में खुद को जबरदस्ती ठूंसने में यकीन नहीं करता। मैं मानता हूं कि किसी फिल्म में मैं एडेड वैल्यू ला सकता हूं। एक असेट हो सकता हूं। बीते सालों में मैंने एक अभिनेता के रूप में इतना इंप्रूव तो किया है, मगर सिर्फ मेरी वजह से लोग फिल्म देखने आएंगे, ये मुकाम हासिल करने में मुझे अभी वक्त है और मैं वो चांस नहीं लेना चाहता। मगर फिल्म मेकर के रूप में मैं वो चांस ले सकता हूं।
आपके करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण काम क्या था?
-दबंग 2 मेरे लिए बहुत ही चुनौती भरा था। एक तो दबंग वन बन चुकी थी। उसके बाद में सीक्वल बना रहा था और जब आप सीक्वल बनाते हैं, तो कंपेरिजन शुरू हो जाता है । दूसरा मैं पहली बार निर्देशन कर रहा था, तो ये भी था कि अच्छा इनकी पहली फिल्म चल गई, तो अब ये खुद डायरेक्टर बनने चले। असल में उस वक्त हालात कुछ और थे, जो मैंने अपनी दूसरी फिल्म डायरेक्ट करने की सोची। मगर प्रेशर तो रहता है। मैं बहुत मुश्किल दौर से गुजरा था। मगर मुझ पर बहुत सारी एक्सपेक्टेशन थीं, मगर कमाल ये हुआ कि हमने उसे गानों में मैच किया। सक्सेस में मैच किया। फिल्म बड़ी हिट साबित हुई।
एक्सपेक्टेशन की बात करें, तो भाई सलमान खान की वजह से आप पर हमेशा उम्मीदों की तलवार लटकती रही? उससे आप कैसे डील करते हैं?
-सच कहूं, तो एक समय के बाद मैंने उस विषय में सोचना छोड़ दिया था। आप जब इस पेशे में आएंगे, तो तुलना और उम्मीदें तो होंगी ही। आपको अपनी जगह बनानी पड़ेगी। मैं मानता हूं कि कुछ हद तक मैंने अपनी जगह बनाई है। मैं मानता हूं कि कमर्शल रूप से जो सक्सेज सलमान को मिला है, वो मुझे नहीं, मगर मैं सोचता हूं कि कम से कम आज मुझे काम तो मिल रहा है। मेरे कितने ही समकालीन एक्टर्स हैं, जिनके पास कोई काम नहीं है, उन्हें कोई पूछता नहीं है।
मगर मेरे पास आज भी फिल्मों के ऑफर आते हैं। मैंने अपने करियर में दो-तीन और स्ट्रीम अपना ली हैं। मैंने अपना शो होस्ट करता हूं। मैंने निर्देशन में हाथ आजमाया। मैं निर्माण के क्षेत्र में हूं। मैं खुश हूं, मेरी गाड़ी चल रही है। बॉबी देओल का भी एक ऐसा समय था, जब उसके पास एक लंबे अरसे तक काम नहीं था, मगर जब चल गया, तो आज उसके पास डेट्स नहीं है, तो कब किसकी किस्मत बदल जाए, क्या कहा जा सकता है। बस आपको काम करते रहना होगा। आप मैदान में होंगे, तब गोल मार पाएंगे न?