भोपाल पुलिस ने 91 डीजे संचालकों के खिलाफ कोलाहल और मोटरव्हीकल एक्ट में एफआइआर दर्ज
भोपाल
भोपाल पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाईड लाइन और दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने वाले 91 डीजे संचालकों के खिलाफ कोलाहल और मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया। भोपाल पुलिस कमिश्नर ने सभी थानों को सर्वोच्च न्यायालय की गाईड लाइन के अनुसार डीजे संचालन के लिए निर्देश दिए थे।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के पालन एवं मध्यप्रदेश शासन की मंशानुसार शहर के सभी डीजे संचालकों की कमिश्नर कार्यालय सभागार एवं थानों में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में ध्वनि संबंधी दिशा निर्देशों से अवगत कराया गया था।
संचालकों को समझाईश दी गई थी कि त्योहारों के दौरान सभी लोग नियत समय एवं निर्धारित डेसीबल में ही डीजे का संचालन करेंगे।सभी थानों के द्वारा अपने अपने थाना क्षेत्रों के डीजे संचालकों से बाउंड ओव्हर की कार्यवाही की गई थी। त्योहारों के दौरान भी संचालकों को बार-बार समझाईश दी जाती रही।
इसके बावजूद डीजे संचालक नियम और कानूनों का उल्लंघन करते हुए तेज आवाज में डीजे बजाते रहे, इस दौरान पुलिस द्वारा सख्त निगरानी की गई एवं डीजे की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराई गई। इसके बाद भी कानून का उल्लंघन करने वाले कुल 91 डीजे संचालकों के खिलाफ कोलाहल अधिनियम के तहत केस दर्ज किए गए हैं। कुछ डीजे संचालकों ने अपने वाहनों के मूल स्वरूप को बदलकर उसे डीजे वाहन में परिवर्तित किया। जिसके चलते ऐसे संचालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई।
उल्लेखनीय है कि डीजे के अत्यधिक शोर से बुजुर्ग, बीमार एवं आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. पुलिस को भी शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने में भी काफी दिक्कत हुई। पुलिस अफसरों का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।