कांकेर
पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आदिवासी नेताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार अपने आप को आदिवासियों की हितैशी सरकार होने का लगातार दावा करती है। वहीं दूसरी ओर आंकड़ों पर नजर डाली जाएं तो छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद कांग्रेस ने कितने आदिवासी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाए और आज सरकार में है तो केवल तीन ही आदिवासी मंत्री बनाए हैं, जबकि भाजपा सरकार ने दूसरे कार्यकाल में पांच आदिवासी विधायक को मंत्री बनाया था, इसमें से तीन मंत्री बस्तर से थे।
पूर्व विधायक मारकोले ने कहा कि बस्तर के विधानसभा की 12 सीट कांग्रेस के पास है और केवल एक को ही मंत्री बनाया गया है। भाजपा की रमन सरकार में बस्तर से तीन आदिवासी मंत्री केदार कश्यप, लता उसेंडी ओर विक्रम उसेंडी को एक साथ मंत्री बनाया था। इसी कार्यकाल में रामविचार और ननकीराम कंवर को भी मंत्री बनाया था। यानी 05 मंत्री आदिवासी वर्ग से ही थे। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आदिवासी के हितैषी थे, तो द्रोपदी मुर्मु के लिए वोट क्यों नहीं किया।