‘गरबों-नवरात्री मेले में न जाएं मुस्लिम,’ किसने-कहां की ये अपील?
रतलाम
मध्य प्रदेश में गरबा महोत्सव को लेकर माहौल गरमाया हुआ है. इंदौर, भोपाल और खंडवा के बाद अब रतलाम से बड़ी खबर है. रतलाम के शहर काजी का एक लेटर अचानक सुर्खियों में आ गया है. इस लेटर में शहर काजी मौलवी सय्यद अहमद अली ने मुस्लिम नौजवान और मां-बहनों से अपील की है कि वे गरबा देखने और नवरात्रि मेलों में न जाएं. उनकी दलील है कि माहौल बहुत गर्म चल रहा है. उन्होंने लोगों के अपील की है कि वे घरों में ही रहें. इस तरह के उत्सव उनके धर्म में जायज नहीं माने जाते. उनका कहना है कि उनकी अपील का समाज स्वागत कर रहा है. इससे पहले रतलाम में दुकान के बाहर दुकानदार का नाम लिखने के मामले ने तूल पकड़ लिया था.
रतलाम के शहर काजी मौलवी सय्यद अहमद अली ने पत्र में लिखा, ‘तमाम रतलाम की मुस्लिम अवाम से पुरखुलूस गुजारिश है कि मुस्लिम नौजवान, मुस्लिम मां और उम्मत की बाहया बेटियां नवरात्रि पर्व पर न ही मेले में जाएं और न ही गरबे देखने जाएं. वक्त और हालात को मद्देनजर रखते हुए अपने घरों में रहें. बाजार, मेलों में घूमना दीन-ए-इस्लाम में जायज नहीं है. लिहाजा, ऐसे गैर दीनी मामलात से सख्ती से बचा जाए.’
शहर काजी ने कही ये बात
शहर काजी मौलवी सय्यद अहमद अली ने कहा कि नवरात्रि और गरबे को लेकर जो बाहर से बयान आ रहे हैं, वे ठीक नहीं हैं. इसलिए ये बेहतर है कि महिलाएं-बहनें-युवा घर पर ही रहें. वे घरों में ही इबादत करें और रोजे रखें. कई लोगों ने इस तरह के फरमान भी जारी किए हैं कि विशेष समुदाए का कोई आएगा तो उसे उत्सव में घुसने नहीं देंगे. इस तरह के विवादों में पड़ने से अच्छा है कि हम सभी घरों में रहें. हमने अपने धर्म के मुहर्रम में भी महिलाओं से बाहर न जाने की अपील की थी. कई बार देखने में आ गया है कि बेअदबी हो जाती है, फिर विवाद हो जाता है.