आईओसी की सदस्य नीता अंबानी ने पदकवीरों को किया सम्मानित, मनु-नीरज और नवदीप नजर आए
मुंबई
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की सदस्य और रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष नीता अंबानी ने पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में पदक जीतने वाले कुछ एथलीट्स को सम्मानित किया है। इस दौरान नीता ने ओलंपिक में दो कांस्य जीतने वाली मनु भाक, भालाफेंक में रजत पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा और पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता नवदीप सिंह और कांस्य पदक विजेता मोना अग्रवाल को सम्मानित किया। मुंबई में नीता ने अपने आवास एंटीलिया में आयोजित कार्यक्रम 'यूनाइटेड इन ट्रायम्फ' में भारत के ओलंपियन और पैरालंपियनों को सम्मानित किया।
दरअसल, मनु का नाम कुछ समय पहले पेरिस ओलंपिक रजत पदक और टोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा से जोड़ा जा रहा था। हालांकि, उनके परिवार से इसका खंडन आ चुका है। मनु एक शो के दौरान नीरज को लेकर सवाल पूछे जाने पर नाराज हो गई थीं और इवेंट छोड़कर चली गई थीं। पेरिस ओलंपिक खेलों में देश को दो कांस्य पदक दिलाने वाली मनु भाकर को मैदान के बाहर कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। कई ब्रांडों ने उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई देते हुए अवैध रूप से उनकी तस्वीरों का उपयोग किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मनु भाकर की टीम ने सुझाव दिया है कि जो लोग भारतीय निशानेबाज से औपचारिक रूप से जुड़े नहीं हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई विज्ञापन जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।
कौन हैं मोना अग्रवाल?
पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने पैरालंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में 228.7 का स्कोर बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया था और भारत को कांस्य पदक दिलाया था। 37 वर्षीय पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने पेरिस पैरालंपिक में तीन पदक स्पर्धाओं में हिस्सा लिया था। व्हीलचेयर के जरिए चलने वाली मोना ने पैरा एथलेटिक्स की ओर रुख किया। उन्होंने शॉट पुट, डिस्कस, जेवलिन थ्रो और पावरलिफ्टिंग में हाथ आजमाया और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में पहुंचकर अपनी पहचान बनाई। हालांकि, उनका शरीर एथलेटिक्स की कठोरता को झेलने में असमर्थ था तब उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए 2021 में पैरा शूटिंग की ओर रुख किया।
नवदीप के रजत को स्वर्ण में बदला गया
एफ41 वर्ग के फाइनल में नवदीप के सुनहरे थ्रो ने स्टेड डी फ्रांस में भारतीय राष्ट्रगान के गूंजने को सुनिश्चित किया था। नवदीप 47.32 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ दूसरे स्थान पर थे लेकिन ईरान के बेत सयाह सादेघ को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उनके रजत पदक को स्वर्ण में बदल दिया गया। सयाह को बार-बार आपत्तिजनक झंडा प्रदर्शित करने के लिए अयोग्य घोषित किया गया। वह अपनी हरकतों से स्वर्ण पदक गवां बैठे।