जगन रेड्डी ने मंदिर की यात्रा रद्द की; भारी विरोध की वजह से लिया फैसला
नई दिल्ली
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुमाला में स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है। ऐसा मंदिर के प्रसादम लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों के बाद हुआ है। यह फैसला उनकी यात्रा के दौरान किसी भी व्यवधान या सुरक्षा संबंधी चिंताओं से बचने के लिए लिया गया है। जगन मोहन रेड्डी की आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में शनिवार (28 सितंबर) को पूजा-अर्चना करने की योजना से सियासी पारा चढ़ गया था।
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पूर्व मुख्यमंत्री से मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपनी आस्था साबित करने की मांग पर अड़ा हुआ है। नियमों के अनुसार, विदेशियों और गैर-हिंदुओं को मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने से पहले भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा साबित करनी चाहिए।
जगन (Jagan Mohan Reddy) ने कहा था कि तिरुपति के लड्डुओं को लेकर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने उनके ऊपर आरोप लगाकर कथित रूप से जो पाप किया है। उसका प्रायश्चित करने के लिए वह पार्टी द्वारा बुलाए गए राज्यव्यापी मंदिर अनुष्ठानों के हिस्से के रूप में मंदिर का दौरा करेंगे।
रेड्डी की अपील नायडू द्वारा लगाए गए उस आरोप के कुछ दिनों बाद आई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया था।
नायडू के आरोपों ने देशभर में विवाद को जन्म दे दिया। बीजेपी की राज्य इकाई ने रेड्डी की मंदिर में जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को उनसे (जगनमोहन रेड्डी को) मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपनी आस्था साबित करने की मांग की। बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के नेता एल दिनाकर ने कहा कि रेड्डी को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने का संवैधानिक अधिकार है लेकिन उन्हें अन्य धर्मों के रीति-रिवाजों, परंपराओं और नियमों का सम्मान करना चाहिए।
दिनाकर ने पीटीआई से कहा, "वह (जगन मोहन रेड्डी) हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें हिंदू मंदिरों की व्यवस्था और प्रथाओं का पालन करना चाहिए, अन्यथा वह देवस्थानम (तिरुमाला मंदिर) में प्रवेश करने के लिए अयोग्य हैं।"
दिनाकर ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता को अपने शासन के दौरान मंदिरों के खिलाफ कथित कृत्यों और तिरुपति लड्डू 'प्रसादम' बनाने के लिए घटिया घी के इस्तेमाल के लिए माफी मांगनी चाहिए। इससे पहले, BJP की आंध्र प्रदेश इकाई की प्रमुख डी पुरंदेश्वरी ने इस मुद्दे को उठाया था।
मंदिर प्रसादम में मिलावट को लेकर हुए विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे। भाजपा ने उनके इस फैसले को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। आईएएनएस से बातचीत में भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने उनके विजिट को ‘नाटक’ करार दिया।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, जो उनके कार्यकाल में तिरुपति बालाजी मंदिर में हुआ है, उससे हिन्दुओं के साथ-साथ उन लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ हुआ जो तिरुपति बालाजी मंदिर में विश्वास करते हैं। उन्होंने आगे कहा, जगन मोहन रेड्डी इस बात को जान चुके हैं कि इस विवाद के बाद तिरुपति बालाजी मंदिर के भक्तों में गुस्सा है और उन्हें सबक सिखाने के लिए भक्त तैयार हैं। भक्तों के गुस्से व डर की वजह से जगन मोहन रेड्डी मंदिर आने का नाटक कर रहे हैं। इस नाटक से अब कुछ होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा, जो अपमान होना था, वह हो चुका है। हमारे आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष ने भी मांग की है कि अगर जगन मोहन रेड्डी मंदिर जा रहे हैं तो वह बताएं कि उनका बैकग्राउंड क्या है, वह हिन्दू हैं या फिर ईसाई? मंदिर में एक नियम है कि जो नॉन हिन्दू हैं उन्हें एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होता है। जगन मोहन रेड्डी भी मंदिर आगमन के दौरान यह फॉर्म भरें और सबको बताए कि वह हिन्दू हैं या फिर ईसाई। राजीव चंद्रशेखर ने कहा, जो अपमान हो चुका है, अब उनके राजनीतिक नाटक से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
भाजपा नेता से संयुक्त राष्ट्र में जम्मू कश्मीर चुनावों के बीच किसी मुस्लिम राष्ट्र द्वारा उठाए गए सवाल पर भी राय रखी।
एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा, दुनिया को यह पता चल गया है कि भारत का एक अभिन्न भाग जम्मू-कश्मीर है। आर्टिकल 370 और 35ए के खत्म होने के बाद हम यहां देख रहे हैं कि चुनाव हो रहे हैं और भारी तदाद में इसमें लोग भाग ले रहे हैं। लोग जान चुके हैं कि 60 साल से जो प्रोपेगेंडा चला आ रहा था कि जम्मू-कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। लेकिन, यहां के युवाओं के लिए एक समृद्ध जम्मू-कश्मीर बन रहा है। विकसित भारत का जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है, उसे जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित सभी राज्यों को साथ लेकर चलने से होगा। विकसित भारत की कल्पना को साकार करने के लिए यहां के युवा भी भागीदार बनेंगे।