महिला बाल विकास विभाग: जहां शत प्रतिशत लाड़लियों का शाला में प्रवेश वो पंचायत बनेगी लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली
भोपाल
मध्यप्रदेश में ऐसे सभी ग्राम पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी फं्रेडली घोषित किया जाएगा जहां साल में एक भी बाल विवाह नहीं हुआ हो और शत प्रतिशत लाड़लियों का शाला में प्रवेश हुआ हो।
महिला एवं बाल विकास आयुक्त डॉ रामराव भोसले ने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 के अंतर्गत जिला स्तर से सभी तय मापदंडों की पूर्ति करने वाली ग्राम पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिलों से ग्राम पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करने के लिए संशोधित मापदंड तय किए है। इनकी पूर्ति करने वाली पंचायतों के प्रस्ताव को प्रतिवर्ष जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित बेटी बचाओ बेटी पढओ योजना की टास्क फोर्स समिति में रखकर उपयुक्त पाए जाने पर इन पंचायतों को जिला स्तर से लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित किया जाए।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ग्राम पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करने के लिए निर्धारित मापदंडों की पूर्ति हेतु गतिविधियां संपूर्ण वित्तीय वर्ष में आयोजित की जा सकती है। विकासखंड स्तर से निर्धारित मापदंडों के अनुसार ग्राम पंचायतों का लाड़ली लक्ष्मी फेंडली ग्राम पंचायतों के रुप में नामांकन प्राप्त करने की कार्यवाही अप्रैल माह में की जाना है। जिला स्तर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की टास्क फोर्स समिति की बैठक का आयोजन किया जाना है।
22 अप्रैल तक प्राप्त ग्राम पंचायतों में से लाड़ली लक्ष्मी ग्राम पंचायत का चयन किया जाना है। इसके बाद लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायत का नाम घोषित करते हुए पोर्टल पर जानकारी 28 अप्रैल तक प्रविष्ट की जाना है।
ये है मापदंड
वर्ष में एक भी बाल विवाह न हुआ हो। लाड़ली बालिकाओं का शाला में शत प्रतिशत प्रवेश हो। सभी लाड़ली बालिकाओं का टीकाकरण हो। कोई भी लाड़ली कुपोषित न हो। ग्राम पंचायत क्षेत्र में बालिकाओं के विरुद्ध अपराध घटित न हो। ऐसी होगी घोषणा- इन सभी मापदंडों को पूरा करने वाली पंचायतो के प्रस्ताव को हर साल कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की टास्क फोर्स समिति में रखा जाएगा तथा उपयुक्त पाए जाने पर इन पंचायतों को जिला स्तर से लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित किया जाएगा।
ये गतिविधि करना होगी
वर्तमान लिंगानुपात की पंचायतवार समीक्षा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अंतर्गत तैयार कार्य योजना का क्रियान्वयन, पंचायतोें में बेटी जन्म पर उत्सव का आयोजन, बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन, जून जुलाई माह में स्कूल चलो अभियान, आंबनबाड़ी की छह वर्ष की बालिकाओं का शाला प्रवेश सुनिश्चित कराना, बाल विवाह के बारे में जागरुकता, हर तिमाही में लिंगानुपात सुधार की पंचायतवार समीक्षा, ऐसी पंचायतें जिनमें लिंगानुपात पूर्व वर्ष की तुलना में सुधार हुआ है उनको पुरस्कृत किया जाना और बालिकाओं के लिए जागरुकता सत्रों का आयोजन किया जाना।