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DUSU इलेक्शन में करोड़ों खर्च! HC की लताड़ – यह लोकतंत्र का उत्सव है मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं

नईदिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (DUSU Election 2024) में उम्मीदवारों के अंधाधुंध पैसा खर्च करने और नियमों का उल्लंघन करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. बीते बुधवार डूसू चुनाव के दौरान दीवारों, सार्वजनिक स्थलों, निजी संपत्तियों और सड़कों पर पोस्टर लगाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह लोकतंत्र का उत्सव है न कि मनी लांड्रिंग का.

आम चुनाव से भी बुरी स्थिति: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि ऐसे सिस्टम के जरिए युवाओं को करप्ट नहीं होने देना चहिए. यह स्थिति तो देश के आम चुनाव से भी बुरी है. क्या कोई रिकॉर्ड है कि चुनाव में कितना पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है? ऐसा लगता है मानो करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि पोस्टर दीवार पर लगाए जा रहे हैं. सड़को पर लगाए जा रहे हैं. इस तरह से पैसा को बर्बाद नहीं होने देना चहिए. आपको सख्त एक्शन लेना चाहिए.

स्थगित हो सकते हैं डूसू चुनाव?

डूसू चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा खर्च और नियमों के उल्लंघन करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट चुनाव स्थगित करने की सलाह दी है. कोर्ट ने कहा कि जब तक पोस्टर हटाए नहीं जाते और जब तक पूरी यूनिवर्सिटी की सफाई नहीं हो जाती है तब तक चुनाव को स्थगित किया जाए. कोर्ट ने पूछा कि सार्वजनिक संपत्ति पर जो पोस्टर लगे हुए है क्या आपने इसकी तस्वीरें ली हैं? अगर वह पोस्टर लगाते हैं तो पोस्टर हटाने का खर्चा भी उम्मीदवारों को ही उठाना होगा.

16 हजार बोर्ड, दो हजार होर्डिंग और 2 लाख से ज्यादा पोस्टर हटाए: DU

दिल्ली विश्वविद्यालय के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया कि अब तक DUSU के चुनाव के दौरान 16 हजार बोर्ड, दो हजार होर्डिंग और 2 लाख से ज्यादा पोस्टर हटाए जा चुके हैं. डीयू की ओर से कहा गया कि लिंगदोह कमेटी के अनुसार डूसू चुनाव में हरेक उम्मीदवार को सिर्फ 5 हज़ार रुपये खर्च करने की इजाजत है. पोस्टर हाथ के बने लिखे ही हुए होने चहिए.

उम्मीदवारों से वसूले जाएं पोस्टर हटाने के पैसे

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कहा कि जिनके नाम के पोस्टर लगे हुए है उनसे उसको हटाने का पैसे वसूला जाए. आप अपने आप इतना असहाय महसूस मत करिए. चुनाव में कोई अकेले नहीं लड़ रहा है. चुनाव में संगठन शामिल हैं.

रद्द हो सकती है उम्मीदवारी?

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि हमने सभी 21 उम्मीदवारों को सर्कुलर जारी कर दिया है. उसमें उनसे लिंगदोह कमेटी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है. पोस्टर और बैनर हटाने का निर्देश भी दिया गया है. दिल्ली चुनाव समिति इस पर पैनी नज़र रखे हुए है. अगर उम्मीदवार चुनाव के दौरान लिंगदोह कमेटी के नियम का पालन नहीं करेंगे तो उनकी उम्मीदवारी भी रद्द कर दी जाएगी. लोगों को आ रही दिक्कत को लेकर शो कोज़ नोटिस भी जारी किए गए हैं. डीयू की ओर से आगे कहा गया कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के साथ एक बैठक भी बुलाई गई थी. लेकिन उसमें सिर्फ 2 उमीदवार शामिल हुए थे. अन्य 4 ने लिखित जवाब भेजे थे.

पुलिस और आला अधिकारी बैठक करें, समझें अपनी शक्तियां: कोर्ट

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि 25 सितंबर शाम 5 बजे तक पोस्टर हटाने के निर्देश दिए गए हैं. इस समय सीमा तक अगर वो पूरी तरह पालन नहीं करेंगे तो उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी. मंगलवार से ही पोस्टर हटाए जाने शुरू हो गए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि वाइस चांसलर को इसपर बैठक करनी चाहिए जिसमें दिल्ली पुलिस और आला अधिकारियों को भी शामिल किया जाए. क्योंकि अधिकरियों को ही नहीं पता है उनके पास क्या शक्तियां हैं. आप चुनाव इस तरह से कैसे होने दें सकते हैं? अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कीजिए. ताकि नई पीढ़ी को चुनाव और लोकतंत्र का मतलब सिखा सकें.

बता दें कि डूसू चुनाव 2024 के मतदान शुक्रवार, 27 सितंबर 2024 को होने हैं और मतगणना 28 सितंबर को होगी. शनिवार को ही डीयू छात्र संघ का नया पैनल घोषित कर दिया जाएगा जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और सयुंक्त सचिव पद शामिल हैं.

 

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