अतीक के मददगार माशूक का 3 करोड़ का आशियाना, गृह प्रवेश से पहले बना खंडहर
प्रयागराज
प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूटआउट केस में सरकारी अमले का एक्शन लगातार जारी है. आज लगातार चौथे दिन भी बुलडोजर से अतीक अहमद के करीबियों के घरों को तोड़ा जाएगा. सरकारी अमले ने शुक्रवार को ही माफिया अतीक अहमद के मददगार कहे जाने वाले माशूक उद्दीन के आलीशान आशियाने को बुलडोजरों के जरिए जमींदोज कर दिया. शहर से तकरीबन 15 किलोमीटर दूर असरौली इलाके में 200 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में यह आलीशान मकान तकरीबन 3 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया था.
माशूक और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. आरोप है कि माशूक माफिया अतीक अहमद का करीबी है और उसके गिरोह को फंडिंग का काम करता था. माशूक अहमद ग्राम प्रधान भी रह चुका है. सरकारी अमले ने तीन बुलडोजर और एक पोकलैंड मशीन से इस आलीशान मकान को करीब सवा दो घंटे में मलबे में तब्दील कर दिया. यह आलीशान मकान हाल ही में बनाया गया था और अभी गृह प्रवेश भी नहीं हुआ था. 12 मार्च को गृह प्रवेश की तैयारी थी.
आरोप है कि माशूक ने विकास प्राधिकरण से मंजूरी लिए बिना ही इस मकान का निर्माण किया था. इसका नक्शा पास नहीं कराया गया था. हालांकि, नक्शे के लिए आवेदन जरूर किया गया था, लेकिन प्राधिकरण ने उसे नामंजूर कर दिया था. प्राधिकरण के अफसरों के मुताबिक, पड़ोस में ही एयर फोर्स का ट्रांसमिशन और रडार स्टेशन है. इस वजह से एयरफोर्स ने इस मकान के निर्माण पर आपत्ति की थी, जिसके चलते माशूक के आवेदन को निरस्त कर दिया गया था.
सरकारी अमले की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जुमे के चलते शाम करीब 3:45 बजे शुरू हुई. कार्यवाही शुरू होने से पहले परिवार के लोगों की सरकारी अमले से तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन लोग ज्यादा देर तक विरोध नहीं कर सके.
माशूक की बहू और परिवार के दूसरे लोगों ने प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मनमाने तरीके से कार्रवाई किए जाने की बात कही. उनका कहना था कि नक्शे के लिए आवेदन किया गया था. इसके बावजूद प्राधिकरण ने बुलडोजर चला दिया.
यह भी सफाई दी गई थी कि उनके परिवार का माफिया अतीक अहमद से कोई नाता नहीं है. उमेश पाल शूटआउट केस के बाद प्रयागराज में पिछले 3 दिनों से लगातार बुलडोजर कार्रवाई हो रही है.