उमरिया के एक गाँव में नशा मुक्ति अभियान के तहत ग्रामीणों ने अनूठी शपथ ली
उमरिया
नशा हर बुराई की जड़ होता है। इसका परिणाम स्वास्थ हानि तो है ही, साथ ही ये किसी हादसे, दुर्घटना या जुर्म का कारण तक बनता है। इन सभी बुराईयों से बचने के लिए मध्य प्रदेश के उमरिया जिले की करकेली जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले पठारीकला गांव में हील ही में पूरे गांव ने नशा मुक्ति से जुड़ा एक ऐसा कदम उठाया है, जिसके चर्चा सिर्फ उमरिया में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में होने लगी है। दरअसल, गांव के सभी जनजातीय ग्रामीणों ने जुलूस निकालकर शराब न बेचने और बनाने और इसका सेवन तक न करने की शपथ ली। गांव में अभियान के तहत ग्रामीणों द्वारा लिए इस संकल्प का सभी ग्राम वासियों ने स्वागत किया।
सामाजिक संकल्प के साथ गांव के लोगों ने लिखित शपथ-पत्र भी दिया। शपथ-पत्र में लिखा है कि ‘हम आज से न कभी शराब पिएंगे और न ही बनाएंगे और अगर ऐसा करते पाए गए तो 10 हजार रुपए का अर्थदंड चुकाएंगे।’ इस मौके पर गांव के सरपंच गोविंद सिंह मरावी, जनपद सदस्य संतराम सिंह परस्ते, रामपाल सिंह बडकरे, रूपशाह मरकाम, बारेलाल सिंह बडकरे, लालशाह बैगा, देवीदीन बैगा, सुदामा सिंह, जगत प्रसाद बैगा, शीतल बैगा, बसंत बैगा, रामनारायण सिंह, मंगल सिंह, रघुनाथ सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, नत्थू बैगा, गीता बाई, ममता बाई, शकुंतला बाई, रामवती बाई, फूलबाई सहित अन्य जनजातीय ग्रामीणों ने यह शपथ ली।
गांव के प्रबुद्धजनों का संदेश
गांव के प्रबुद्धजनों और जागरूक लोगों ने इन ग्रामीणों को बताया कि कोई भी नशा या बुरी आदत नशा करने वाले के साथ साथ उसके परिवार, यहां तक पूरे समाज तक के पतन का कारण बन जाती है। नशा और बुरी आदतें घर की सुख-समृद्धि एवं बच्चों की शिक्षा को पूरी तरह नष्ट कर देता है। हम सभी नशामुक्त होकर स्वस्थ और स्वच्छ समाज के निर्माण में भागीदार बनें। साथ ही, बच्चों की शिक्षा पर भी पूरे समर्पण से ध्यान दें, तभी हम अपने गांव, जिले, प्रदेश और देश को नशामुक्त बना पाएं।
नशा हर बुराई की जड़ है
गौरतलब है कि, समाज में शराब का सेवन और दूसरे प्रकार के नशे की बढ़ती लत बेहद चिंतनीय है। कई आपराधिक घटनाओं, दुर्घटनाओं के पीछे शराबखोरी और नशे की लत बड़ी वजह के रूप में सामने आती हैं। नशा मुक्ति अभियान को लेकर जब हम सभी जागरूक होंगे, तभी आपराधिक घटनाएं और दुर्घटनाएं रुकेंगी।