राजधानी समेत देशभर के कई राज्यों में तेजी से फेल रहा कोरोना
नई दिल्ली
बुखार, सर्दी, जुकाम, खांसी ने इन दिनों ज्यादातर लोगों को परेशान कर रखा है। हर परिवार में कोई न कोई इनका शिकार है। इसकी वजह एन्फ्लूंएजा का संक्रमण और कोरोना का फिर से फैलना बताया जा रहा है। इन्फ्लूएंजा के स्ट्रेन में भी बदलाव हुआ है और कोरोना का भी नया स्ट्रेन XBB.1.16 फैल रहा है। गनीमत यह है कि संक्रमण के बाद भी असर हल्का है। ज्यादातर लोगों को फीवर नहीं आ रहा है।
'घबराने वाली कोई बात नहीं'
एम्स के मेडिसिन विभाग के एक्सपर्ट डॉक्टर पीयूष रंजन ने कहा कि इस बार कोरोना तेजी से फैल रहा है। लेकिन यह माइल्ड है। अधिकतर लोगों को संक्रमण के बाद भी लक्षण नहीं हो रहे हैं। फीवर तक नहीं हो रहा है। जिन्हें फीवर हो रहा है, उन्हें भी हल्का ही हो रहा है। इसलिए घबराने वाली बात नहीं है। लेकिन सजग रहने की जरूरत है। मास्क पहनें। भीड़ में जाने से बचें। हाथ साफ रखें। यह कोरोना का इंडेमिक (महामारी का अंत) हो सकता है। ऐसे छोटे-छोटे उछाल आते रहेंगे, लेकिन धीरे-धीरे यह कम होकर सीजनल इन्फ्लूएंजा की तरह हो जाएगा।
'वायरस में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ'
इन्फेक्शन एक्सपर्ट डॉ. नरेंद्र सैनी ने कहा कि पिछले साल ओमिक्रॉन फैला था। इस साल उसी का सब वेरिएंट स्ट्रेन XBB.1.16 फैल रहा है। ओमिक्रॉन में भी इम्युनिटी को चकमा देकर संक्रमण करने की क्षमता थी और यही क्षमता इसमें भी है। वायरस में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। जो इम्युनिटी हमें पहले बचा रही थी, आज भी वही इम्युनिटी है। चाहे वैक्सीन की है या नेचुरल इन्फेक्शन की। दोनों ही स्थिति में पहले बचाव संभव हो पा रहा है।
'दो हफ्तों में कम होने लगेगा कोरोना'
एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि औसतन अस्पताल में 10 से 12 मरीज भर्ती हैं, लेकिन ज्यादातर मरीज ठीक होकर जा रहे हैं। ओपीडी बेसिस पर बहुत इलाज की जरूरत नहीं पड़ रही है। जो लोग गंभीर बीमार हो रहे हैं, या जिन्हें निमोनिया हो रहा है। उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है। ऐसे मरीजों की संख्या बहुत कम है। इस प्रकार की परेशानी उन्हें ही हो रही है, जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी है। पूरी उम्मीद है कि अगले दो हफ्ते के बाद संक्रमण में कमी आनी शुरू हो जाएगी।