मानसिक और शारीरिक रूप से सुकून पाने के लिए एक्सरसाइज
आजकल के तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और वर्क प्रेशर के चलते लगभग हर कोई एंग्जाइटी का शिकार हो रहा है। एंग्जाइटी की वजह से लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिनमे बेचैनी बढ़ना, चिड़चिड़ापन होना, गुस्सा आना और झुनझुनाहट महसूस होना जैसे कुछ सामान्य लक्षण हैं। एंग्जाइटी कई दिनों, कई महीनों और कई साल तक के लिए भी हो सकती है। ऐसे में इसे लेकर आपको सतर्क होने की ज़रूरत है। वैसे एंग्जाइटी से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर की सलाह से दवाइयां ली जाती हैं। लेकिन, हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार ये पता चला है कि इसे एक्सरसाइज़ और योग के ज़रिए भी कंट्रोल किया जा सकता है।
सर्वे में हुआ खुलासा
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए एक स्टडी में ये बात कही गई कि एंग्जाइटी का इलाज करने में दवा से ज़्यादा असर एक्सरसाइज करता है। इस अध्ययन में जो नियमित रूप से व्यायाम कर रहे थे और जो लोग डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए दवाई ले रहे थे, दोनों को शामिल किया गया। इस दौरान जो लोग फिजिकली एक्टिव थे उन लोगों में अवसाद, स्ट्रेस में सुधार देखने की संभावना, दवाओं के साथ इलाज करने वालों से 1।5 गुना अधिक देखने को मिली। मानसिक स्वास्थ्य पर व्यायाम का सबसे बड़ा लाभ अवसाद, एचआईवी या गुर्दे की बीमारी वाले लोगों में था। जो महिलाएं गर्भवती थीं या जो प्रसवोत्तर अवधि में थीं, उनमें भी व्यायाम से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देखा गया।
ये एक्सरसाइज हैं कारगर
- एरोबिक व्यायाम: एरोबिक वर्कआउट आपके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, कैलोरी को बर्न करते हैं और मांसपेशियों को बिल्ड करने में मदद करते हैं। साथ ही यह एक्सरसाइज़ आपको मानसिक सुकून भी देता है।
- पिलाटेस: पिलाटेस सभी प्रकार की शारीरिक गतिविधि और एंजायटी के इलाज में कारगर हैं। पिलाटे में सिर्फ फ्लोर मैट की जरूरत होती है। इसमें पूरी तरह मसल्स का वर्कआउट होता है और एब्डोमेन, हिप्स और थाइज पर फोकस रहता है।
- योग: योग से बड़े से बड़े रोग को खत्म किया जा सकता है। इसकी परम्परा भारत में हजारों साल से चली आ रही है, योग की मदद से आप आसानी से डिप्रेशन से बाहर निकल सकते हैं।