मायावती ने बाबा साहेब को दी श्रद्धांजलि, कहा- उनका जीवन संघर्ष करोड़ों लोगों के लिए आज भी उम्मीद की किरण
लखनऊ
आज बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है और उन्हें देशभर में श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया जा रहा है। इसी मौके पर उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो मायावती ने बाबा साहेब की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट कर बाबा साहेब को याद किया। उन्होंने लिखा, अति-मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान देकर आधुनिक भारत की मजबूत नींव रखने वाले परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनकी जयंती पर शत-शत नमन व अपार श्रद्धा सुमन अर्पित। उनका जीवन संघर्ष करोड़ों गरीबों, मजदूरों, वंचितों व अन्य मेहनतकशों के लिए आज भी उम्मीद की किरण है।
आज ही के दिन हुई थी बसपा की स्थापनाः मायावती
मायावती ने कहा कि, उनसे प्रेरणा लेकर उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के रुके कारवाँ को आगे बढ़ाने तथा जाति के आधार पर तोड़े गए लोगों को जोड़ने के लिए आज ही के दिन 14 अप्रैल सन 1984 को बहुजन समाज पार्टी की देश में स्थापना की गई, जो खासकर यूपी में सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति की मिसाल बना।
साम्प्रदायिक ताकतों ने BSP को कमजोर करने की कोशिश कीःमायावती
वहीं बसपा सुप्रीमो ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि, इस दौरान संकीर्ण, जातिवादी, पूंजीवादी व साम्प्रदायिक ताकतों ने बीएसपी को कमजोर करने के लिए हर प्रकार के घिनौने हथकंडे अपनाए, लेकिन ऐसे उतार-चढ़ावों के बावजूद पार्टी से जुड़े लोग पूरी मजबूती व समर्पन के साथ तन, मन, धन से मैदान में डटे रहे, जिसके लिए सभी का तहेदिल से आभार।
14 अप्रैल को मनाया जाता है बाबा साहेब का जन्मदिवस
संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्मदिन हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है। बाबा साहेब निचले तबके से तालुक रखते थे। बचपन से ही सामाजिक भेदभाव का शिकार हुए। यही वजह थी कि समाज सुधारक बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया। महिलाओं को सशक्त बनाया। इस साल बाबा भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जा रही है।