छत्तीसगढराज्य

रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी से 100 से अधिक मरीजों की जिंदगी मुस्कुराई, थिरकने लगे पांव : डॉ खेमका

रायपुर

श्री नारायणा हॉस्पिटल में रोबोटिक नी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के शुभारंभ के बाद से रोबोटिक टेक्निक से अभी तक 100 से अधिक मरीज लाभान्वित हो चुके है। रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी कराए हुए 20 से भी ज्यादा मरीजों ने केक काटा और एक्सरसाइज युक्त डांस करके माहौल में जीवंतता भर दी।

रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. प्रीतम अग्रवाल ने बताया कि सर्जरी से एक दिन पहले ही उसकी पूरी प्लानिंग की जाती है, पूरे हिप, नी और एकल याने के पूरे लिम्ब का सीटी स्कैन से डाटा सॉफ्टवेयर में फीड होता है और फिर मसल्स को काटे बिना ही सबवेस्टॉस टेक्निक से घुटने में इम्प्लांट फिक्स किया जाता है, इसमें ब्लीडिंग कम होती है, जिसके कारण मरीज की रिकवरी बहुत ही फास्ट होती है. इस टेक्निक में बोन की कटिंग मिलर से होती है,इसमें एलाइनमेंट एकदम सटीक होता है. सॉफ्ट टिश्यू बैलेंसिंग एकदम परफेक्ट होती है जिसके कारण ज्वाइंट्स की लाइफ बढ़ जाती है, इसके साथ ही एडक्टर कैनाल ब्लॉक लगाया जाता है, जिससे सर्जरी पश्चात बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है इन सभी वजहों से रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के कॉम्प्लिकेशंस रेटस एकदम कम है और एक्यूरेसी सब मिलीमीटर में होने से मरीज सर्जरी के 6 घंटे पश्चात ही चलने फिरने लग जाता है तथा दूसरे दिन से ही वह सीढिया उतरना चढया शुरू कर देता है.

श्री नारायणा हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सुनील खेमका ने इस विशेष अवसर पर बताया कि अहमदाबाद, मुंबई या अन्य मेट्रो शहरों में रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी का प्लान करने वाले मरीजों को जब यह पता चलता है कि रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की सुविधा अब यहीं, रायपुर छत्तीसगढ़ में ही प्रारंभ हो गई है तो वे मरीज यहीं सक्सेसफुली रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करा रहे हैं और बहुत ही खुश है क्योंकि मेट्रो शहरों के खर्च से लगभग एक तिहाई खर्च में यह सर्जरी अब देवेंद्र नगर रायपुर स्थित श्री नारायणा हॉस्पिटल में ही हो रही है. वे इस समस्या से ग्रसित अन्य मरीजों को भी यह बात बता रहे हैं कि हम सर्जरी के पश्चात कितनी जल्दी अच्छी तरीके से चलने फिरने लगे हैं और बिना दर्द के अपना रूटीन काम करने लगे हैं. इसके साथ ही यहां पर युवाओं के लिए रोबोटिक गोल्ड नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसमें गोल्ड इम्प्लांट की लाइफ सबसे अधिक होती है.

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