रायपुर,
भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम को उसकी लांजिगढ़, ओडिशा स्थित एल्यूमिना रिफाइनरी में लागू किए गए ऊर्जा दक्षता अभ्यासों के लिए सीआईआई नेशनल ऐनर्जी ऐफिशियेंसी सर्कल कॉम्पिटिशन 2024 में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इस इकाई को ’बैस्ट ऐनर्जी ऐफिशियेंट डेज़िगनेटिड कंज़्यूमर’ (BEE-PAT स्कीम के अंतर्गत) श्रेणी में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा ’बैस्ट ऐनर्जी ऐफिशियेंट ऑर्गनाइज़ेशन (लार्ज सेक्टर)’ और ’बैस्ट मैनेज्ड इलेक्ट्रिकल सिस्टम फॉर ऐनर्जी ऐफिशियेंसी’ श्रेणियों में भी इस इकाई को विशेष प्रशंसा प्राप्त हुई है। ये पुरस्कार इस बात के परिचायक हैं कि वेदांता एल्यूमिनियम जिम्मेदार व्यापारिक प्रचालन सुनिश्चित करने पर ध्यान केन्द्रित करती है।
वेदांता एल्यूमिनियम की विश्व स्तरीय रिफाइनरी उच्च क्वालिटी एल्यूमिना का उत्पादन करती है जिसे बाद में झारसुगुडा, ओडिशा और कोरबा, छत्तीसगढ़ के स्मेल्टरों में प्रोसैस कर के एल्यूमिनियम तैयार किया जाता है। लांजिगढ़ प्लांट में इस वक्त 29 ऊर्जा दक्षता परियोजनाएं प्रगति पर हैं जो 2050 तक वेदांता के नैट् ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य में योगदान कर रही हैं।
जिन परियोजनाओं ने वेदांता लांजिगढ़ के लिए शीर्ष सम्मान अर्जित किए हैं उनमें शामिल हैं- ऊर्जा बचत हेतु बिजली वितरण प्रणाली की वृृद्धि, ’डाइजेशन’ प्रोसैस (जहां बॉक्साइट को कास्टिक सोडा के साथ मिक्स किया जाता है) में सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत के रूप में बिजली निर्माण हेतु बायोमास का इस्तेमाल। इन परियोजनाओं ने संयंत्र की प्रचालन क्षमता को काफी बढ़ाया है और साथ ही ऊर्जा की खपत भी कम की है। वित्तीय वर्ष 2024 में वेदांता के लांजिगढ़ प्रयासों से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 69,000 टन से भी ज्यादा कमी लाई जा सकी है।
इस सम्मान पर वेदांता एल्यूमिनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा, ’’वेदांता एल्यूमिनियम में हम सस्टेनेबल बिज़नेस प्रैक्टिसिस के आधार पर प्रचालन उत्कृष्टता में नए मानदंड स्थापित करने को प्रयासरत हैं। और हमारे इन प्रयासों के लिए सीआईआई ने हमें जो सम्मान दिया है हम उसके लिए आभारी हैं। ये पुरस्कार नैट् ज़ीरो के लक्ष्य को हासिल करने में हमारी अचल प्रतिबद्धता के प्रोत्साहक सिद्ध होंगे और हम अपने दायित्वपूर्ण प्रचालन में और भी ऊंचे मानक स्थापित करते रहेंगे।’’
वेदांता लांजिगढ़ ने अपने प्रचालनों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए कई अतिरिक्त परियोजनाएं लागू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
• वाटर कूलिंग पम्प में ऐंट फ्रिक्शनल कोटिंग जिससे बिजली की खपत घट कर 469 MWh प्रति वर्ष हो गई है, ग्रीन हाउस गैसों में बचत 355 टन CO2 प्रति वर्ष हुई है।
• बॉक्साइट को समान आकार में पीसने के लिए प्रयुक्त बॉल मिल्स में सुधार हुआ है। अपग्रेड के साथ उनकी क्षमता काफी बढ़ गई है, बिजली की खपत घट कर 2400 MWh प्रति वर्ष हुई है और ग्रीन हाउस गैसों में बचत 1702 टन CO2 प्रति वर्ष हुई है।