विदेश

‘युद्ध की तैयारी पूरी कर चुकी है चीनी सेना’, ताइवान के विदेश मंत्री का बड़ा बयान, जानें किसमें कितना है दम?

चीन   
ताइवान द्वीप को चारों तरफ से घेरकर भीषण युद्धाभ्यास करने वाले चीन के तेवर को देखकर अब ताइवान को भी लगने लगा है, कि चीन युद्ध के लिए अब तैयारी पूरी कर चुकी है। युद्धाभ्यास के दौरान चीन की सेना ने ताइवान के स्ट्रैटजिक ठिकानों पर हमले करने के लिए सटीक निशाने लगाए और लाइव ड्रिल भी किया। चीन का ये मिलिट्री ड्रिल अब खत्म हो चुका है, लेकिन 24 से ज्यादा घंटों तक ताइवान, पूरी तरह से चीनी फाइटर जेट्स और एयरशिप्स के घिरा रहा। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने सीएनएन के साथ बात करते हुए चीनी युद्धाभ्यास की जमकर निंदा की और उन्होंने कहा, कि चीन ताइवान के खिलाफ जंग की तैयार कर चुका है और ऐसा लग रहा है, कि अब वो युद्ध के लिए तैयार हो रहे हैं।

वू ने कहा, कि "सैन्य अभ्यास और उनकी बयानबाजी को देखें, तो ऐसा लगता है कि वे ताइवान के खिलाफ युद्ध शुरू करने के लिए तैयार होने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, कि "ताइवान की सरकार चीनी सैन्य खतरे को एक ऐसी चीज़ के रूप में देखती है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और हम इसकी निंदा करते हैं।" यह पूछे जाने पर, कि क्या ताइवान को संभावित चीनी सैन्य कार्रवाई के समय का कोई आभास है, अमेरिकी खुफिया आकलन को देखते हुए कि शी जिनपिंग ने अपनी सेना को 2027 तक तैयार रहने का निर्देश दिया है, तो वू ने ऊी ताइवान की तैयारियों पर भरोसा जताया।

ताइवान भी है पूरी तरह से तैयार- मंत्री
ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा, कि "ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का फैसला करने से पहले चीनी नेता दो बार सोचेंगे। और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, कि युद्ध 2025 या 2027 या उससे भी आगे है, लेकिन ताइवान को बस तैयार रहने की जरूरत है।" चीन ने जो युद्धाभ्यास किए हैं, उसमें ऐसा लग रहा है, कि पहली बार चीन ने एयरक्राफ्ट कैरियर पर मौजूद विमानों के जरिए ताइवान पर हमला करने के अभ्यास किए हैं। आपको बता दें, कि चीन ने ताइवान के खिलाफ युद्धाभ्यास उस वक्त शुरू किया था, जब ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन 10 दिनों की अमेरिका यात्रा खत्म की थीं। अमेरिका यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिकी हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मुलाकात की थीं और उसके बाद ही बौखलाए हुए चीन ने युद्धाभ्यास शुरू किया था।

अमेरिका यात्रा से क्यों बौखलाया चीन?
चीन, किसी भी ताइवानी नेता के विदेशी लीडर्स से मुलाकात पर सवाल उठाता है। ताइवानी नेताओं की विदेशी नेताओं के साथ मुलाकात को बीजिंग "ताइवान अलगाववादी ताकतों की बाहरी ताकतों के साथ मिलीभगत के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए एक आवश्यक कदम" बताता है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह की यात्रा ताइवान को भारी पड़ सकती है? वू ने सीएनएन से कहा, कि "चीन यह तय नहीं कर सकता, कि ताइवान कैसे दोस्त बनाता है। और चीन यह तय नहीं कर सकता कि हमारे दोस्त ताइवान को कैसे समर्थन दिखाना चाहते हैं।"

आपको बता दें, कि पिछले साल अगस्त में जब अमेरिका की तत्कालीन हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, उस वक्त भी चीन ने ऐसे ही आग उगला था और कई दिनों तक भीषण युद्धाभ्यास किया था।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button