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छत्रपति संभाजीनगर में वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाले मैदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल स्टेडियम बनाने की योजना है

मुंबई
केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक लाने वाली है। मोदी सरकार का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। साथ ही महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करना भी। इस बिल के संसद में पेश करने से पहले ही विरोध में आवाजें उठने लगीं। पिछले दिनों विपक्ष के कई नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार समाज में विभाजन पैदा करने के लिए वक्फ अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक लाना चाहती है। हालांकि सरकार की तरफ से साफ किया गया कि बिल को पेश करने से पहले कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों से चर्चा की गई है।

इस बीच महाराष्ट्र से खबर आ रही है कि छत्रपति संभाजीनगर में वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाले मैदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल स्टेडियम बनाने की योजना है। मामले में जानकार एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि संभाजीनगर में आमखास मैदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल स्टेडियम बनाया जाएगा। यह मैदान वक्फ बोर्ड के स्वामित्व में आता है। इस पर फैसला संरक्षक मंत्री अब्दुल सत्तार की अध्यक्षता और खेल मंत्री संजय बनसोडे की मौजूदगी में लिया गया। बयान के अनुसार, संरक्षक मंत्री सत्तार ने निर्देश दिया कि जिला कलेक्टर फुटबॉल स्टेडियम के लिए प्रस्ताव तुरंत खेल विभाग को सौंपे।

देशभर में 30 वक्फ बोर्ड

गौरतलब है कि वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने वाला विधेयक वक्फ बोर्ड के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने को लेकर जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा। देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं। सूत्रों का कहना है कि सभी वक्फ संपत्तियों से प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये का राजस्व आने का अनुमान है। यह वक्फ के पास मौजूद संपत्तियों की संख्या के अनुरूप नहीं है। मूल रूप से, देशभर में वक्फ बोर्ड के पास करीब 52,000 संपत्तियां हैं। वर्ष 2009 तक चार लाख एकड़ भूमि पर 3,00,000 पंजीकृत वक्फ संपत्तियां थीं और आज की तारीख में, आठ लाख एकड़ से अधिक भूमि पर 8,72,292 ऐसी संपत्तियां हैं।

 

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