देश

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिया झटका, स्थाई नहीं किए जाएंगे कलकत्ता HC के 9 जज

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने खनिज पर टैक्स को लेकर राज्यों और केंद्र के बीच मतभेद पर बड़ा फैसला दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि खनिजों पर लगने वाली रॉयल्टी को टैक्स नहीं माना जा सकता। अदालत की संवैधानिक बेंच ने 8:1 के बहुमत से दिए गए फैसले में कहा कि संसद के पास संविधान के प्रावधानों के तहत खनिज अधिकारों पर कर लगाने की शक्ति नहीं है। चीफ डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना ने इस बात पर असहमतिपूर्ण फैसला दिया है कि खनिजों पर देय रॉयल्टी कर है या नहीं। वहीं अन्य 8 जजों ने एकमत से कहा कि इसे टैक्स नहीं माना जा सकता। इस तरह संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि खनिजों पर दी जाने वाली रॉयल्टी कर नहीं है।

इस अहम फैसले को सुनाने वाली बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस ऋषिकेश रॉय, एएस ओका, जेबी पारदीवाला, मनोज मिश्रा, बीवी नागरत्ना, उज्जल भुयां, सतीश चंद्र शर्मा, ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे। बेंच में शामिल अकेले जस्टिस बीवी नागरत्ना ऐसे जज थे, जिन्होंने बहुमत से अलग राय दी। चीफ जस्टिस ने अपनी और 7 अन्य जजों की तरफ से फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान के अनुसार केंद्र या संसद के पास अधिकार नहीं है कि वह खनिज पर टैक्स लगा सके। अदालत ने संविधान की लिस्ट 2 की एंट्री 50 के तहत यह व्यवस्था दी। इसी में खनिजों पर टैक्स को लेकर वर्णन किया गया है।

अदालत के फैसले से किन राज्यों को मिलेगा फायदा

शीर्ष अदालत के इस फैसले से खनिजों के मामले में समृद्ध ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों को बड़ा फायदा होगा। अब इस मामले में बुधवार को फिर सुनवाई होगी, जिसमें अदालत यह विचार करेगी कि इस फैसले को बीते दिनों से लागू किया जाए या फैसले के बाद से लागू किया जाए। चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में 1989 में दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी गलत बताया। उस फैसले में अदालत ने कहा था कि खनिजों पर लगने वाली रॉयल्टी एक टैक्स है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button