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मेडिकल कॉलेज हड़पने के आरोप में निशिकांत दुबे पर FIR, 9 के खिलाफ भी शिकायत दर्ज

रांची
गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर मेडिकल कॉलेज हड़पने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है। सांसद के साथ-साथ उनकी पत्नी अनामिका गौतम सहित नौ लोगों पर परित्राण मेडिकल कॉलेज हड़पने का आरोप लगाते हुए जसीडीह थाने में मामला दर्ज कराया गया है। एफआईआर बावन बीघा निवासी 56 वर्षीय शिव दत्त शर्मा ने करवाया है।

एफआईआर दर्ज करवाने वाले शिव दत्त शर्मा ने बताया है कि वर्ष 2009 में पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में बैंकों के एक संघ ने जमीन को गिरवी रखने और PMCH को गिरवी रखने के बदले मेरे संस्थान, परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए 93 करोड़ रुपये की ऋण राशि मंजूर की गई। साथ ही कहा कि 2009 में भारतीय चिकित्सा परिषद नई दिल्ली ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना और संचालन के लिए अपनी नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये। जिसे मेरा कॉलेज के द्वारा पूरा नहीं किया जा सका और एमसीआई से अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रहा। जिसके कारण पीएमसीएच चालू नहीं हो सका। जिससे मेरे ऋण खाते को गैर-निष्पादित घोषित कर दिया गया। शिव दत्त शर्मा ने आगे कहा, इसके बाद गोड्डा के निवर्तमान सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनामिका गौतम बैंकों के जरिये दबाव बनाकर पीएमसीएच से संबंधित ऋण खाते को एनपीए घोषित कर नीलामी के जरिए अनामिका गौतम इस संस्थान के मालिक होने की इच्छा व्यक्त की है। इस दौरान निशिकांत दुबे ने यह कहकर मेरा विश्वास जीता कि वह पीएमसीएच के लिए एक साझेदार ढूंढेगा और इसे वित्तीय संकट से उबारेगा। जिसके तहत 24 जून को निशिकांत दुबे ने संपूर्ण दस्तावेज सौंपने की बात कही। जिसके बाद संबंधित खर्चों को लेकर 25 लाख रुपये की मांग की। जिसको लेकर मैंने उन्हें 20 लाख रुपए दिया। जिसके बाद एक समाचार पत्र में मेरी संपत्ति बिक्री नोटिस प्रकाशित की गई थी।

शिव दत्त शर्मा ने आगे कहा कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह में, मुझे पता चला कि, 22 नवंबर 2023 को, बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट नाम से एक नया ट्रस्ट पंजीकृत किया गया है। जिसका मुख्य कार्यालय धवनदीप बिल्डिंग, जंतर मंतर रोड, नई दिल्ली में है। जिसकी मालकिन अनामिका गौतम हैं, जबकि उनके दो बेटे ट्रस्टी हैं। बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के द्वारा डीआरटी पीएनबी ने नीलामी अधिसूचित की है और बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट ने नियमों को ताक पर रखकर 20 दिसंबर को 60 करोड़ रुपये पर नीलामी की अनुमति ले ली जो कि निशिकांत दुबे, अनामिका गौतम और संबंधित लोक सेवकों की मिलीभगत और साजिश का नतीजा था। जिसमें अनामिका, विमल कुमार अग्रवाल, वैभव कुमार अग्रवाल, वीर कुमार अग्रवाल, कनिष्क दुबे, माहिन कांत दुबे, जूली अग्रवाल, रितु अग्रवाल, देवता कुमार पांडेय बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के ट्रस्टी व सचिव बन गए।

 

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