सिर और गर्दन कैंसर: कारण और बचाव के लिए महत्वपूर्ण युक्तियाँ
डॉ. चोपड़ा कहते हैं कि 80 प्रतिशत मामले ठीक हो सकते है। बस शर्त यह है कि इस कैंसर का पता शुरुआती दौर में ही चल जाए। इलाज के लिए अब AI का प्रयोग भी किया जा रहा है। इसकी मदद से कम समय में कैंसर की पहचान करने में मदद मिल रही है। RGCIRC में ऑन्कोलॉजी सर्विसेज के मेडिकल डायरेक्टर और जेनिटो यूरो के चीफ डॉ. (प्रो.) सुधीर कुमार रावल और ओटोलरीन्गोलॉजी विभाग, एम्स, दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. अलोक ठक्कर ने भी कैंसर देखभाल के क्षेत्र में RGCIRC के योगदान की सराहना की।
तम्बाकू और धूम्रपान तुरंत छोड़ दीजिए
सिर और गर्दन के कैंसर को एशिया के लिए समस्या बताते हुए RGCIRC में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ ए. के. दीवान ने इसे गरीबों की बीमारी बताया। जिसके मुख्य कारण धुआं रहित तम्बाकू का सेवन और धूम्रपान है। भारत में कैंसर के हर साल लगभग 1.5 मिलियन नये मामले सामने आते हैं। 2022 में RGCIRC में लगभग 3000 मामले आये थे। जो कि कैंसर के सभी मामलों के 19 फीसद थे।
आम दिखने वाले लक्षणों को न करें इग्नोर
बता दें, सिर एवं गर्दन के कैंसर एक विस्तृत समूह है जिसमें मुंह (ओरल कैविटी), जीभ, गाल, थायरॉयड, पैरोटिड, टॉन्सिल, लैरिंक्स को प्रभावित करने वाले कैंसर शामिल हैं। आवाज में भारीपन, निगलने में कठिनाई, चेहरे, या गर्दन में गांठ या सूजन, घाव और अल्सर कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इन्हें नजरअंदाज न करते हुए तत्काल जांच करवानी चाहिए।