रायपुर
आज आयोजित एक अभूतपूर्व कार्यक्रम में, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU) ने फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया (FFI) के साथ मिलकर पिछले सारे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़ते हुए सबसे बड़े मानव राष्ट्रीय ध्वज लहराने का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस आयोजन में प्रमाणिक तौर पर JGU 7368 छात्रों और कर्मचारियों ने भाग लिया, जिसकी पुष्टि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स संगठन के अधिकारियों द्वारा की गई। वास्तव में यह लम्हा बेहद गौरवपूर्ण था, क्योंकि इस अनोखे अवसर को मनाने के लिए सभी प्रतिभागी पूरे उत्साह के साथ भारतीय ध्वज के रंगों में एकत्रित हुए, जिनमें JGU के सभी स्कूलों एवं संस्थानों के छात्र, कर्मचारी, प्राध्यापक और अन्य अधिकारी शामिल थे।
इस आयोजन को प्रमाणित करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक, ऋषि नाथ परिसर में उपस्थित थे और इस अवसर पर उन्होंने कहा, “इस बात की घोषणा करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से 7368 उत्साही प्रतिभागियों के साथ सबसे बड़ा मानव झंडा लहराने का रिकॉर्ड बनाने में सफलता प्राप्त की है। अब यह रिकॉर्ड JGU और FFI के नाम है, और मुझे प्रसन्नता है कि उनके इस प्रयास के बाद यह नया रिकॉर्ड आधिकारिक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का हिस्सा होगा।”
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन JGU द्वारा फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से किया गया था, जो भारतीय राष्ट्रवाद की भावना को नए सिरे से जगाने की दिशा में काम करने वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है। तिरंगा हमारे आधुनिक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्षता और उदारवादी मूल्यों का प्रतीक है, तथा एक मजबूत और प्रगतिशील भारत के निर्माण के अपने प्रयास में सभी भारतीयों को इसे अपनाना चाहिए, जो दुनिया में अपना उचित स्थान हासिल करेगा।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलाधिपति, नवीन जिंदल फ्लैग फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत रहे हैं और इस अवसर पर उन्होंने कहा, “मैं फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया और ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को बधाई देता हूँ, जिन्होंने लहराते हुए राष्ट्रीय ध्वज की सबसे बड़ी मानव छवि का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में सफलता हासिल की है। भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जनवरी, 2004 को अपने फैसले में कहा कि, भारतीय संविधान सभी भारतीय नागरिक को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है और इसके तहत राष्ट्रीय ध्वज फहराना देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। अपने देश के गौरव और एकता को प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण सार्वजनिक भवनों के साथ-साथ अपने घरों पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराना काफी मायने रखता है। जब हम झंडा प्रदर्शित करते हैं, तो हम धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र जैसी छोटी सोच से ऊपर उठते हैं और यह हमें याद दिलाता है कि हम सबसे पहले एक भारतीय हैं। साथ ही, यह भारत के सभी धर्मों, भाषाओं, संस्कृतियों और क्षेत्रों को दर्शाता है और इस प्रकार यह हमारी 'विविधता में एकता' की सबसे बड़ी निशानी है।
इस अवसर पर ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक उपकुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “इस साल हम भारत के प्रमुख निजी विश्वविद्यालय की 15वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। अपने सभी स्कूलों और संस्थानों में 11,000 से ज्यादा छात्रों और 1100 से अधिक प्राध्यापकों के साथ JGU ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के नए मानदंड स्थापित किए हैं, जहाँ हमारे छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सीखने और अपना ज्ञान बढ़ाने का माहौल उपलब्ध है। सबसे बड़े मानव राष्ट्रीय ध्वज लहराने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना एक बड़ी उपलब्धि है। वास्तव में यह अवसर हमारी 15वीं वर्षगांठ के अनुरूप है, जो दिखाता है कि हम उत्कृष्टता और इनोवेशन के अपने इरादे पर अटल हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की इस स्वीकृति से शिक्षा के ज़रिये एक सशक्त भारत के निर्माण के हमारे संकल्प को और मजबूती मिली है। नवीन जिंदल ने सभी भारतीयों को वर्ष के सभी दिनों में अपने घरों, कार्यालयों एवं कारखानों में सम्मान और गर्व के साथ हमारे राष्ट्रीय ध्वज फहराने में सक्षम बनाने के लिए एक दशक तक अदालत में लड़ाई लड़ी, और इसमें जीत हासिल करने के बाद एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना की गई।”
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, प्रो. दाबीरू/ दबीरू श्रीधर पटनायक ने कहा, “आज का दिन एक ऐसे आयोजन का प्रतीक है, जिसने JGU कम्युनिटी को संगठित और एकजुट संस्थान के रूप में एक साथ ला दिया है और हमने यह ऐतिहासिक कीर्तिमान हासिल किया है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड संगठन द्वारा दिया गया यह सम्मान इस बात को दर्शाता है कि हम भारतीयों के रूप में अपनी पहचान के गौरव को और मजबूत बनाने के इरादे पर अटल हैं। साथ ही यह तिरंगे में निहित मूल्यों को बनाए रखने के हमारे संकल्प को भी दर्शाता है, जो सभी जातियों, क्षेत्रों या धर्मों में लोकतंत्र, समावेशिता, सम्मान और सहनशीलता का प्रतीक है।"
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के महासचिव, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अशीम कोहली ने कहा, “तिरंगे की शान को बनाए रखने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, हमने इस गतिविधि का आयोजन किया है जिसका उद्देश्य गौरव की उस भावना को नए सिरे से जगाना और झिझक की उन परतों को दूर करना है, जो हमें एक सच्चे राष्ट्रवादी की तरह जीवन जीने से रोकती हैं। 'फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया' राष्ट्रवाद की उस भावना को फिर से जगाने के लिए शुरू की गई एक कोशिश है। हमने देश भर में 80 से अधिक अति विशाल झंडे भी स्थापित किए हैं।”
नवीन जिंदल (उद्योगपति, खिलाड़ी एवं माननीय सांसद) द्वारा लंबे समय तक लड़ी गई कानूनी लड़ाई के बाद, साल 2004 में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि, साल के सभी दिनों में देश के हर नागरिक द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन एक मौलिक अधिकार है। इसके बाद उन्होंने फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना की।