पाकिस्तानी सरकार इस मुक्कदस महीने में भी लोगों पर जुल्म ढाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा, नहीं जल पा रहा चूल्हा
इस्लामाबाद
रमजान का पाक महीना चल रहा है मगर पाकिस्तानी सरकार इस मुक्कदस महीने में भी लोगों पर जुल्म ढाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। चुनावों से पहले यहां की कई सियासी पार्टियों ने रमजान के महीने में बिना किसी बाधा के घरेलू गैस की आपूर्ति करने का वादा किया था। मगर सरकार बनने के बाद ये सभी वादे काफूर हो गए हैं। पड़ोसी में मुल्क में वादे के बावजूद रमजान के पाक महीने में गैस दुर्लभ हो गई है। इस वजह से लोगों को अपना चूल्हा जलाना भी मुहाल हो गया है। अब लोग एलपीजी सिलेंडर पर निर्भर हो गए हैं। जिसके कारण गैस की कीमतें काफी बढ़ गई हैं।
सरकार के झूठे वादों से तंग आकर पाकिस्तान की जनता सहरी और इफ्तार के लिए खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस सिलेंडर पर निर्भर होने लगी है। एलपीजी सिलेंडर की मांग में इस कदर बढ़त को देखते हुए कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही एलपीजी सिलेंडरों के डीलरों ने स्थिति का फायदा उठाते हुए गैस की कीमतों में रिकॉर्ड इजाफा कर दिया है। इस परिस्थिति से पाकिस्तान की आम जनता परेशान है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, कराची में जहां यह एलपीजी गैस के सिलेंडर 200 रुपए मिलता था वहीं इसकी कीमत 500 रुपये तक हो गई है।
कराचीवासियों की तरह लाहौर के निवासी भी इसी तरह की स्थिति से परेशान हैं। शहर के निवासी मुहम्मद एजाज ने कहा कि रमजान के दौरान गैस की निर्बाध आपूर्ति का सरकार का आश्वासन झूठा था। उन्होंने कहा, "सुई नॉर्दर्न गैस कंपनी द्वारा दिए गए गैस शेड्यूल का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप गैस खत्म हो चुकी है। इसके अलावा, लोगों ने अपने घरों में अवैध गैस जनरेटर स्थापित कर लिए हैं, जिससे दुर्दशा बढ़ गई है।" वहीं मोहम्मद उमैर ने एजाज से सहमति जताते हुए कहा कि सरकार ने जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है। चूंकि गैस नहीं है, अगर लोग बिजली का उपयोग करते हैं तो इसका बिल बहुत अधिक हो जाता है।