रायपुर
महादेव सट्टा एप मामले में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया है।
ईडी ने आरोपितों के बयान और आईटी जांच के आधार पर राज्य के कई पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम के साथ कार्रवाई के लिए ईओडब्ल्यू को रिपोर्ट भेजा है। इस मामले में गिरफ्तार आरोपितों के बयान के आधार पर ईडी ने चार्जशीट में इनका नाम दिया है। महादेव सट्टा एप मामले में रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने तो केस दर्ज कर लिया, लेकिन इसमें किसी का नाम दर्ज नहीं किया गया है।
चार्जशीट में 20 से अधिक पुलिस कर्मियों के नाम
ईडी ने जो चार्जशीट सौंपी है, उसमें आईपीएस अधिकारी समेत 20 से ज्यादा पुलिस कर्मियों के नाम शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों ने बताया कि हर महीने किसे कितनी रकम दी जाती थी। अपने कार्यालय बुलाकर ईडी ने इन अधिकारियों से पूछताछ भी की है।
उल्लेखनीय है कि पिछले ढाई माह के भीतर एसीबी-ईओडब्ल्यू में ईडी की रिपोर्ट के बाद छठवीं एफआईआर दर्ज की गई है। इस वर्ष जनवरी माह में ईडी की रिपोर्ट पर अवैध कोल परिवहन, शराब घोटाला, डीएमएफ घोटाला, पीएससी परीक्षा में गड़बड़ी में कमीशनखोरी का केस दर्ज किया गया है। इनमें शराब घोटाले की जांच शुरू हो गई है। इसके लिए ईओडब्ल्यू के द्वारा 13 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई है। पीएससी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर केस दर्ज किया गया है। अब इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया गया है।
आरोपों को लेकर गृह मंत्री ने क्या कहा?
गृह मंत्री विजय शर्मा ने मीडिया के सवाल पर कहा कि किसी के बयान के आधार पर आरोप सिद्ध नहीं होता है। केवल बयान के आधार पर किसी को फांसी नहीं दी जा सकती। इसमें और जांच की आवश्यकता है। जानकारी जुटाई जा रही है। प्रमाणों के आधार पर कार्रवाई होगी।
आपरेटर गिरीश और सूरज को 14 दिन की जेल
महादेव एप सट्टेबाजी मामले में ईडी की गिरफ्त में आए भोपाल के मुख्य आपरेटर गिरीश तलरेजा और कलकत्ता निवासी सूरज चोखानी की सोमवार को रिमांड अवधि के समाप्त होने ईडी की विशेष कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है। रिमांड अवधि में ईडी को इन दोनों से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।