महाराष्ट्र में अभी सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया, एकनाथ शिंदे के गढ़ में भाजपा ने ठोक दिया दावा
मुंबई
महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच अभी सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। जानकारी के मुताबिक सीएम एकनाथ शिंदे की गढ़ माना जाने वाली ठाणे की लोकसभा सीट पर भी भाजपा ने दावा ठोक दिया है। ऐसे में भाजपा और शिवसेना के बीच इस सीट को लेकर खींचतान चल रही है। शिवसेना यह सीट छोड़ना नहीं चाहती है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा इस सीट पर गणेश नाइक को टिकट देने के विचार कर रही है। वहीं शिवसेना रवींद्र फाटक को यहां से टिकट देना चाहती है।
बता दें कि बीते चुनाव में इस सीट पर शिवसेना के राजन विचारे ने जीत दर्ज की थी। हालांकि वह अब उद्धव ठाकरे के गुट में हैं। बात करें इस लोकसभी सीट के अंतरगत आने वाली विधानसभा सीटों की तो 6 में से तीन भथाजपा के पास और तीन शिवसेना के पास हैं। ऐसे में विधानसभा के मामले में शिवसेना और भाजपा का पलड़ा बराबर ही दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि इस सीट पर समाधान निकल नहीं पा रहा है।
ठाणे की सीट अगर भाजपा के पास जाती है तो इसे सीएम एकनाथ शिंदे के लिए झटका माना जाएगा। वहीं भाजपा सरकार बनाने को लेकर भी ज्यादा सीटें होने के बावजूद समझौता कर चुकी है। भाजपा ने मुख्यमंत्री का पद एकनाथ शिंदे को सौंप दिया था। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा समझौता करना नहीं चाहती है। बताया गया कि भाजपा ने इस सीट पर उतारने के लिए तीन नामों पर विचार किया है। गणेश नाइक के अलावा इसमें विनय सहस्त्रबुद्धे और ठाणे से विधायक संजय केलकर का भी नाम शामिल है।
क्या है सीट का समीकरण
ठाणे की इस सीट पर कोली और कुनबी वर्ग की बड़ी आबादी है। यहां किसानों का मुद्दा अहम रहता है। ऐसे में अब तक एग्री, कोली और कुनबी नेताओं को ही यहां से उम्मीदवार बनाया जाता रहा है। ठाणे पहले कोलाबा लोकसभा क्षेत्र का भाग था। यह शिवसेना का गढ़ माना जाता है। 1996 से 2004 तक इस सीट पर शिवसेना के दिवंगत नेता प्रकाश परांजपे ही जीतते रहे। राज्य में इस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता हैं। 2014 के चुनाव में शिवसेना का राजन विचारे ने यहां जीत दर्ज की। वहीं दूसरे नंबर पर एनसीपी के संजीव गणेश नाइक रहे।