रतलाम में सभा मुख्यमंत्री की , दबाव कलेक्टर का और परेशान कर्मचारी
( अमिताभ पाण्डेय)
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल 8 अप्रैल को रतलाम जा रहे हैं। वे वहां लाडली बहना योजना से संबंधित एक आयोजन मे शामिल होंगे। आम सभा को संबोधित करेंगे।
इस मौके पर रतलाम जिले में अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ होगा । जिले के विकास से जुड़ी घोषणाएं की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के रतलाम दौरे को लेकर जिला प्रशासन की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही है। उनकी आमसभा के लिए जिस नेहरू स्टेडियम का चयन किया गया है, वहां खेल मैदान है। आमसभा के लिए खेल मैदान की 105 मीटर लंबी , 3 मीटर ऊंची दीवार को तोड़ दिया गया । ऐसा इसलिए किया गया कि अधिक लोगों को आमसभा स्थल में बिठाया जा सके। पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने खेल मैदान की लंबी दीवार को तोड़ दिए जाने की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि आमसभा के लिए खेल मैदान को नुकसान पहुंचाना गलत है। यह रतलाम के खेलप्रेमियों , खिलाड़ियों का अपमान है।
श्री सकलेचा के अनुसार मुख्यमंत्री ने रतलाम शहर और जिले के लिए 3 साल पहले जो घोषणाएं की थी , अब तक उनका परिणाम दिखाई नहीं दिया है। अब फिर चुनाव आने वाले हैं इसलिए रतलाम की याद भाजपा नेताओं को आने लगी है। भाजपा के नेताओं ने झूठे वादे करके जनता से धोखा किया है। शहर में आज भी लोगों को स्वच्छ और पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पेयजल और सीवेज से जुड़ी योजनाएं भारी गड़बड़ी के कारण जनता किए नुकसानदेह साबित हुई हैं।
श्री सकलेचा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की आम सभा को सफल बनाने के लिए कलेक्टर शासकीय कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। आशा , आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पंचायत के कर्मचारियों पर अधिक से अधिक लोगों को आमसभा में लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
श्री सकलेचा ने सवाल किया कि आशा , आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता
बहनें अपनी मांगों के समर्थन में लगातार आवाज उठा रही हैं । आखिर मुख्यमंत्री इनकी बात कब सुनेंगे ? इसी प्रकार परियोजना अधिकारी , पंचायत से जुड़े कर्मचारी भी अपनी मांगों की सुनवाई की मुख्यमंत्री की ओर देख रहे हैं। मुख्यमंत्री के पास इनकी बात सुनने का समय नहीं है। मुख्यमंत्री आमसभाओं में केवल अपने मन की बात कहते हैं , जनता के मन की बात नहीं सुनते । इसका जवाब आने वाले समय में जनता जरूर देगी।