कोर्ट में घटेगा मुकदमों का बोझ, घर की चौखट पर ही समाधान
ग्वालियर
छोटे विवाद खत्म कर न्यायालयों में ऐसे मुकदमों का बोझ घटाने के लिए मध्य प्रदेश की ग्वालियर खंडपीठ का मॉडल 'सामाधान आपके द्वार' प्रदेश में नजीर बन गया है। 29 अक्टूबर 2022 को उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति रोहित आर्या ने इस मॉडल को शुरू किया था।
इस आयोजन में केवल न्यायपालिका से ही जुड़े लोग नहीं बल्कि प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी शामिल हुए। ग्वालियर में बेहतर परिणाम सामने आए और ग्रामीण क्षेत्रों के 80 फीसदी मामले लोगों की देहलीज पर ही निपटा दिए गए। परिणाम स्वरूप ग्वालियर के न्यायालयों में आने वाले छोटे मुकदमों का बोझ काफी हद तक अब कम हो गया। यही वजह है कि ग्वालियर हाईकोर्ट के इस मॉडल 'समाधान आपके द्वार' को अब पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। इसका पहला चरण दो दिन बाद 24 फरवरी को होने जा रहा है, जिसमें पूरे प्रदेश में 20 लाख मामलों के समाधान का लक्ष्य रखा गया है।
ट्रायल बेस पर जबलपुर में लागू किया था
ग्वालियर में समाधान आपके द्वार के बेहतर परिणाम देखते हुए इसे 8 अगस्त 2023 को जबलपुर हाईकोर्ट खंडपीठ के 28 जिलों में भी ट्रायल बेस पर लागू किया था। करीब 35 हजार मामलों का निराकरण हुआ था। लिहाजा इस बार इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। इसके साथ ही आमजन की रोजमर्रा से जुड़ी परेशानियों से जुडे शासकीय विभागों को भी इस बार इस अभियान मे ंशामिल किया गया है।
ग्वालियर में अब तक दो लाख मामलों का निराकरण
इस अनूठे अभियान की शुरुआत वर्ष 2022 में ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्या ने की थी। इसमे ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ के अंर्तगत आने वाले 9 जिलों के राजस्व, पुलिस, विद्युत, नगरीय निकाय विभाग व वन विभाग शामिल हुए। तब से अब तक 'समाधान आपके द्वार' के इस अभियान के ग्वालियर में चार चरण हो चुके है। इस दौरान घर-घर जाकर लोगों के विवाद चिन्हित किए और आपसी सहमति से करीब दो लाख प्रकरणों का निराकरण किया गया। अब इस अभियान का ग्वालियर में पांचवा चरण दो दिन बाद 24 फरवरी को है, जिसमें डेढ़ लाख मामलों के निराकरण का लक्ष्य है।
ग्वालियर में चार चरणों का लेखा जोखा
चरण मामले निपटे
पहला 5030
दूसरा 10624
तीसरा 34814
चौथा 148751
पांचवे चरण के लिए ये तैयारी
24 फरवरी को समाधान आपके द्वार के तहत शिविरों में दीवानी प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय से संबंधित प्रकरण, प्री-लिटिगेशन के माध्यम से ऐसे शमनीय प्रकरण, जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए हंै उनका निराकरण किया जाएगा।
आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, गैस कनेक्शन, सी.एम, हेल्पलाईन, समग्र आई.डी. आदि के प्रकरण, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22- बी में उल्लिखित जनउपयोगी सेवाओं के प्रकरण का निराकरण भी होगा।
राजस्व विभाग के प्रकरण जैसे फसल हानि के लिये आर्थिक सहायता, कुएं या नलकूप के नष्ट होने पर दी जाने वाली सहायता, बंटवारा आदेश के पश्चात नक्शों में बटांकन, अक्स नक्शा, भूमि का सीमांकन करना, सीमांकन विवादों का निपटारा, नामांतरण के मामलों के विवाद की दशा में सुलह व समझाइश से विवाद समाप्त कर बंटवारा, उत्तराधिकार व अतिक्रमण संबंधित प्रकरण भी निपटाए जाएंगे।
बिजली कनेक्शन, मीटर बंद या तेज चलने की शिकायत, बिल राशि की वसूली व किश्त सुविधा आदि से संबंधित मामले व बिजली चोरी या बिजली के अवैध उपयोग के प्रकरणों से संबंधित मामले निराकृत किए जाएंगे।
नगरीय विकास विभाग के जलकर, संपत्तिकर, उपभोक्ता प्रभार एवं अन्य करों से संबंधित बकाया वसूली के प्रकरणों को भी निराकृत किया जाएगा।
'समाधान आपके द्वार' यह अभियान ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ का है। वर्ष 2022 में शुरू हुए इस अभियान के तहत चार चरण हो चुके हैं। इनमे करीब दो लाख मामलों का निराकरण कोर्ट में जाने से पूर्व किया जा चुका है। इसके अच्छे परिणाम सामने आने पर अब इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। 24 फरवरी को प्रदेश में इस अभियान का पहला चरण होगा वही ग्वालियर में पांचवा चरण आयोजित होगा। दीपक शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी ग्वा.