कांकेर.
जिले के पखांजुर क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक शाला पीवी 20 में पदस्थ प्रधानपाठक रोजाना शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल आता है। शिक्षक 13 साल से यहां पदस्थ है। आज तक एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब वह बिना शराब पीए स्कूल आया हो। शराब के नशे में साथी शिक्षकों, रसोइया को परेशान करता है। छात्रों की पिटाई भी करता है। इस बार तो शिक्षक ने स्कूल में बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा मनाने छात्रों द्वारा किए चंदे के पैसे शराब में उड़ा दिए।
इस मुद्दे को लेकर आयोजित बैठक में भी प्रधानपाठक शराब पीकर पहुंचा तो ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। शराबी प्रधानपाठक का वीडियो बना वायरल कर दिया गया। इसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आचक तथा मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय दल को स्कूल भेजा। प्राथमिक शाला पीवी 20 में प्रधानपाठक सुनील करभाल 13 सालों से पदस्थ है। रोज शराब पीकर आने की शिकायत ग्रामीण तथा छात्र करते रहे, लेकिन शिक्षा विभाग ने शराबी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर उल्टे उसका प्रमोशन करते प्रधान पाठक बना दिया। प्रधानपाठक बनते ही उसका अत्याचार और बढ़ गया। 14 फरवरी को स्कूल में बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा करने छात्रों और स्टाफ ने आपस में चंदा कर पैसे प्रधानपाठक के पास जमा कराए। पूजा के पैसों को भी उक्त शिक्षक ने शराब में उड़ा दिए। इस मुद्दे को लेकर स्कूल में बैठक आयोजित की गई तो बैठक में भी प्रधानपाठक शराब के नशे में पहुंचा। इसके बाद ग्रामीणों ने शराबी प्रधान पाठक का वीडियो बना लिया। जिसमें प्रधानपाठक मुंह छुपाता और माफी मांगता नजर आ रहा है। इस घटना के बाद प्रधानपाठक ने स्कूल आना बंद कर दिया तो ग्रामीणों ने वीडियो को गांव के वॉट्सएप ग्रुप में डाल दिया। इस वीडियो को अपलोड करने के बाद शिक्षक ने भी वॉट्सएप ग्रुप में एक दिन के आकस्मिक अवकाश का आवेदन पोस्ट किया है।
मामले की जांच करने दल को भेजा स्कूल: सिन्हा
खंड शिक्षा अधिकारी केजूराम सिन्हा ने कहा शराबी प्रधान पाठक का वीडियो मिलने के बाद मामले की जांच करने तीन संकुल समन्वयकों की टीम बनाई गई। टीम को जांच करने स्कूल भेजा गया है। जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
मध्याह्न भोजन के पैसों को शराब में उड़ाता है: रसोइया
प्राथमिक शाला में मध्याह्न भोजन संचालन भी इसी शराबी प्रधानपाठक द्वारा किया जाता है। स्कूल में खाना बनाने वाली रसोइया ने बताया कि शिक्षक उसे खाना बनाने पूरा सामान नहीं देता। कभी दाल देता है तो कभी सब्जी। मध्याह्न भोजन का पैसा भी शराबी प्रधानपाठक डकार जाता है।
शिक्षक की हरकत से घटी छात्रों की संख्या
इस स्कूल में पांच साल पहले छात्रों की दर्ज संख्या 60 थी। उक्त शराबी प्रधानपाठक के अत्याचार से परेशान होकर हर साल स्कूल में दर्ज संख्या घटती जा रही है। वर्तमान में यहां छात्रों की दर्ज संख्या घटकर मात्र 20 रह गई है।