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स्वदेशी LCA Tejas ने भरी पहली उड़ान, पहाड़ी इलाकों में इंडियन आर्मी का बनेगा मददगार

नईदिल्ली

 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस (LCA Tejas) ट्रेनर विमान ने अपनी पहली उड़ान भरी. 35 मिनट की ये उड़ान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एयरपोर्ट से की गई. इस ट्रेनर विमान को LCA Trainer (LT 5201) नाम दिया गया है. इसे लीड-इन फाइटर ट्रेनर यानी LiFT भी कहते हैं. यानी इसका मुख्य उद्देश्य फाइटर जेट की ट्रेनिंग देना है. लेकिन जरुरत पड़ने पर इससे हवा से जमीन पर हमला भी कर सकते हैं.

अभी ये विमान सिर्फ वायुसेना के फाइटर जेट LCA Tejas की ट्रेनिंग के लिए बनाया गया है. लेकिन कुछ ही सालों में नौसेना के लिए भी अलग ट्रेनिंग विमान बनेगा. वह भी इसी प्लेटफॉर्म पर. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स तेजस के प्लेटफॉर्म पर ही ट्विन-इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF), ओमनी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (ORCA), CATS MAX यानी कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम, तेजस मार्क-2 और SPORT यानी सुपरसोनिक ओमनी-रोल ट्रेनर भी बनाया जाएगा. कुछ पर काम चल रहा है.

भारतीय वायुसेना ने 123 तेजस फाइटर जेट मांगे थे. जिसमें से 26 डिलिवर किए जा चुके हैं. ये सभी तेजस मार्क -1 हैं. ऐसे अभी 13 और दिए जाएंगे. इसके बाद बाकी 83 फाइटर जेट्स तेजस मार्क-1ए होंगे, जो 2024 से 2028 के बीच मिलेंगे. फिलहाल तेजस फाइटर जेट के दो स्क्वॉड्रन हैं. दोनों सुलूर एयरफोर्स बेस पर मौजूद हैं. एक का नाम फ्लाइंग डैगर्स और दूसरे का फ्लाइंग बुलेट्स.

छोटी और तेज लड़ाई के लिए घातक हथियार

LCA तेजस की कॉम्बैट रेंज 500 किलोमीटर है. यानी हथियारों के साथ लैस होकर दुश्मन के इलाके में जाकर हमला करके वापस आना. यानी क्लोज-एयर-टू-ग्राउंड ऑपरेशन में मददगार. लंबी दूरी का मिशन करना हो तो सुखोई, राफेल या मिराज जैसे फाइटर जेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.

दुश्मन की रडार में पकड़ में नहीं आएगा

इसका आकार छोटा है इसलिए इस समय दुनिया का कोई भी रडार सिस्टम इसे फाइटर जेट की श्रेणी में रखता ही नहीं. इसलिए यह दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएगा. यानी हमला करना आसान है. इसकी लंबाई 43.4 फीट, ऊंचाई 14.5 फीट और विंगस्पैन 26.11 फीट है. इसमें 2458 KG फ्यूल आता है. अधिकतम स्पीड 1980 KM प्रतिघंटा है. यानी ध्वनि की गति से डेढ़ गुना ज्यादा. कुल रेंज 1850 KM है. अधिकतम 53 हजार KM की ऊंचाई तक जा सकता है.

कांच का कॉकपिट दिखाता है हर एंगल

LCA Tejas का कॉकपिट कांच का है. तेजस का ग्लास कॉकपिट जिससे पायलट को चारों तरफ देखने में आसानी होती है. छोटा और मल्टी-रोल सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है. दुनियाभर के अन्य विमानों से सस्ता है. इसमें क्वाडरूप्लेक्स फ्लाइ बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम हैं. यानी पायलटों को उड़ाने में ज्यादा सहूलियत मिलती है.

हथियारों का जखीरा सुनेंगे तो कांप जाएंगे

इसमें आठ हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी आठ अलग-अलग तरह के हथियार लगा सकते हैं. इसमें S-8 रॉकेट्स के पॉड्स लगा सकते हैं. हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें R-73, I-Derby, Python-5 लगे हैं. भविष्य में ASRAAM,  Astra Mark 1 और  R-77 की प्लानिंग भी है.  हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें   Kh-59ME, Kh-59L, Kh-59T, AASM-Hammer लगी हैं. BrahMos-NG ALCM को लगाने की योजना है. इसमें ऐसे-ऐसे हथियार हैं कि तेजस हमला करे तो दुश्मन की हालत पस्त होनी तय है.

एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम को लगाया जाएगा. फिलहाल इसमें एंटी-शिप मिसाइल Kh-35 और Kh-59MK लगे हैं. अगर बम की बात करें तो इसमें चार तरह के बम लगाए जा सकते हैं. प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन जैसे- स्पाइस, JDAM, HSLD, DRDO Glide Bombs और DRDO SAAW. लेजर गाइडेड बम जैसे KAB-1500L, GBU-16 Paveway II, सुदर्शन और Griffin LGB. क्लस्टर म्यूनिशन जैसे RBK-500. अनगाइडेड बम जैसे  ODAB-500PM, ZAB-250/350, BetAB-500Shp, FAB-500T, FAB-250, OFAB-250-270, OFAB-100-120 लगा सकते हैं.

तेजस मार्क-2 बदलेगा युद्ध के तरीके

भविष्य में जब तेजस मार्क-2 लाया जाएगा तब विदेशों से मंगाए गए जगुआर, मिराज 2000 और मिग-29 को हटाया जाएगा. मार्क-2 में 3400 KG ईंधन भरा जा सकेगा. गति करीब 3457 KM प्रतिघंटा होगी. रेंज 2500 KM होगी. 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ेगा. इसमें 23 मिमी की GSH-23 गन होगी. हवा से हवा में मार करने वाली सात मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाली चार मिसाइलें, एक एंटी रेडिएशन मिसाइल, पांच बम लगाए जा सकेंगे.

हल्के फाइटर जेट कई पर तेजस जैसा कोई नहीं

अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, चेक गणराज्य, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, रूस, चीन, इटली और रोमानिया के पास भी हल्के फाइटर जेट्स की फ्लीट है. तुर्की भी अपने लिए हल्के फाइटर जेट्स तैयार करवा रहा है. लेकिन सबसे आधुनिक लाइल कॉम्बैट फाइटर जेट भारतीय वायुसेना का तेजस ही है. इसकी मांग अमेरिका, अर्जेंटीना, मलेशिया जैसे कई देश कर रहे हैं. भविष्य में भारत के ये लड़ाकू विमान न सिर्फ देश की सुरक्षा करेंगे बल्कि आर्थिक फायदे भी पहुंचाएंगे.

 

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