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अमित शाह का बड़ा ऐलान, लोकसभा चुनाव से पहले देश में लागू होगा CAA

नई दिल्ली
 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अमित शाह ने कहा है कि चुनाव से पहले पूरे देश में CAA लागू किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि CAA किसी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनेगा। उन्होंने विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। दिसंबर महीने में बंगाल दौरे के दौरान दावा किया था कि सीएए को लागू करने से कोई रोक नहीं सकता है। उन्होंने ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024 में कहा कि हमने (पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के) अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है, इसलिए हमें भरोसा है कि देश की जनता बीजेपी को 370 सीट और एनडीए को 400 से अधिक सीट पर जीत दिलाकर अपना आशीर्वाद देगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण और कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राम मंदिर नहीं बनने दिया गया। शनिवार को शाह ने दावा किया कि केंद्र में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कोई संशय नहीं है और यहां तक कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें फिर से विपक्ष में बैठना होगा।

शाह ने कहा कि 2024 का चुनाव एनडीए और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बीच नहीं, बल्कि विकास और महज नारे देने वालों के बीच का चुनाव होगा। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नेहरू-गांधी वंशज को इस तरह की यात्रा करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि 1947 में देश के विभाजन के लिए उनकी पार्टी जिम्मेदार थी।

उन्होंने विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ''हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए को लेकर गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।''

4 साल पहले कानून बनकर तैयार
आपको बता दें कि हल ही में केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया था कि अगले सात दिन के अंदर ही सीएए लागू कर दिया जाएगा। यह विधेयक दिसंबर 2019 में ही संसद में पास हो गया था। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी और इसके बाद यह कानून बन गया। यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का भी प्रावधान करता है।

विरोध में खूब हुए थे प्रदर्शन
सीएए को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाएं धरने पर बैठ गईं। बीते साल भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि सीएए को लागू होने से कोई रोक नहीं सकता है।

कानून लागू होते ही क्या बदल जाएगा
इस कानून के मुताबिक तीन पड़ोसी देशों, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी। जो लोग 2014 तक किसी प्रताड़ना के चलते भारत आए हैं उनको नागरिकता मिलेगी। इसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल होंगे। बता दें कि यह विधेयक 2016 में ही लोकसभा में पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था। इसके बाद इसे 2019 में फिर से पेश किया गया। 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी थी। उसके बाद दो साल कोरोना का ही प्रकोप रहा। इस कानून के तहत 9 राज्यों के 30 से ज्यादा डीएम को भी विशेष अधिकारक दिए जाएंगे। 

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