रायपुर
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि प्रदेश में लगभग सात वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ बार कौंसिल चुनाव सम्पन्न हुआ था जिसमें गंभीर अनियमितताओं पर सिविल लाईन बिलासपुर में अपराध कायम हुआ था परन्तु उस पर सात वर्ष के लम्बे अन्तराल के बाद भी संलिप्त अपराधियों को आजतक गिरफ्तार नहीं किया गया है जो न्यायिक जगत के गले से नहीं उतर रहा है।
इसलिए थक-हार कर न्यायिक जगत प्रदेश सरकार से इस प्रकरण की सी.बी.आई. जांच की मांग करता है ताकि इस प्रकरण में डुप्लीकेट मतपत्र एवं कूटरचना करने वालों के नाम उजागर हो सके। प्रकरण में साक्ष्य सिद्ध होने पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 420, 467, 468 और 120 (बी) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया जा चुका है परन्तु अपराध पंजीबद्ध होने के सात साल बाद भी पुलिस एवं न्यायपालिका द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे संलिप्त आरोपीगण खुले घूम रहे हैं।
रिजवी ने बताया है कि भाजपा शासनकाल में भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया तथा कांग्रेस के चार साल के कार्यकाल व्यतीत होने पर भी कोई कार्यवाही का न होना आश्चर्य का विषय है। इससे यह सिद्ध होता है कि संलिप्त आरोपीगण इस प्रकरण को ठण्डे बस्ते में डाले रखना चाहता है। रिजवी ने मुख्यमंत्री एवं विधि मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि विशेषज्ञ रिपोर्ट में भी उपरोक्त धाराओं में अपराध घटित होने की पुष्टि हो चुकी है। इस सब साक्ष्यों में अपराध सिद्ध होने के बावजूद भी आरोपितों पर कार्यवाही न होना कई प्रश्नचिन्ह खड़े करता है। सारे साक्ष्य उपलब्ध होने के बाद भी गिरफ्तारी न होने से विधि व्यवसाय से जुड़े लोगों में भारी आक्रोश है तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सी.बी.आई. जांच की मांग की गई है।