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बेहद सादगी से राष्ट्रपति भवन पहुंचीं यूके की फर्स्ट लेडी अक्षता मूर्ति, पता चला तो दी गई आगे की सीट

नई दिल्ली

राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार समारोह के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। दरअसल इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति अपने परिवार के साथ इस कार्यक्रम में पहुंची थी। उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था। इतने में अधिकारियों ने देखा कि नारायण मूर्ति का पूरा परिवार बीच की पंक्ति में बैठा है। उनमें नारायण मूर्ति की बेटी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति भी हैं। अधिकारियों ने तत्काल उनको आगे की पंक्ति में शिफ्ट किया। उन्हें विदश मंत्री एस जयशंकर के बगल में बैठाया गया।

अक्षता मूर्ति के दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनका परिवार बैठा था। इसी पंक्ति में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी बैठे थे। कार्यक्रम के अंत में जब राष्ट्रगान बजाया गया तो अक्षता मूर्ति एस जयशंकर के बगल खड़ी दिखाई दीं। बता दें कि इस कार्यक्रम में अक्षता बहुत ही सागदी से पहुंची थीं। उनके साथ कोई भी सिक्योरिटी नहीं थी। लेखिका और समाज सेविका सुधा मूर्ति को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में नारायण मूर्ति के साथ बेटे रोहन मूर्ति और बहन सुनंदा कुलकर्णी भी पहुंची थीं। कार्यक्रम से पहले अक्षता मूर्ति को दो बेटियों और  मां सुधा मूर्ति के साथ दक्षिण गोवा के बेनौलिम बीच पर छुट्टियां मनाते हुए देखा गया था। राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, लोकसबा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल थे।

 बिदरी कला को जिंदा रखने वाले अहमद कादरी को भी पद्म श्री से नवाजा गया। बाद में उन्होंने कहा, मुझे लगता था कि यूपीए की सरकार में मुझे पद्म पुरस्कार मिलेगा लेकिन  ऐसा नहीं हुआ। मैंने कभी नहीं सोचा था कि भाजपा की अगुआई वाली सरकार मुझे यह  पुरस्कार देगी। बुधवार को 53 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। इसमें तीन पद्म विभूषण, दो पद्मभूषण और 45 पद्मश्री शामिल थे।दिवंगत मुलायम सिंह यादव को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

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