लाइफस्टाइल

मुख और दांतों के स्वस्थ रखने के लिए ये टिप्स जरूरी हैं

विवेक अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद रहते हैं। खानपान का भी ध्यान रखते हैं। लेकिन कुछ दिनों से उनके दांत में दर्द हो रहा था। रात में सोते समय यह दर्द और भी बढ़ जाता था। एक रात यह स्थिति हो गई कि उन्हें डेंटिस्ट की ऑनलाइन हेल्प लेनी पड़ी। डेंटिस्ट ने एक दवा लेने के लिए कहा। साथ ही, सुबह किसी डेंटिस्ट से मिलने की हिदायत भी दी। विवेक ने ऐसा ही किया। दवा लेने से दर्द में राहत मिल गई।

दूसरी सुबह वह डेंटिस्ट के सामने थे। डेंटिस्ट ने चेक किया और कहा कि एक दांत काला हो चुका है। उसमें बड़ा सुराख है। उसकी नसों तक सड़न पहुंच रही है, इसलिए इतना दर्द दे रहा है। अभी दांत का बाकी हिस्सा ठीक लग रहा है। अगर इस सुराख को साफ कर दें, गड्ढे में मौजूद गंदगी को बाहर निकाल दें और उसमें फिलिंग कर दें तो काम चल जाएगा यानी इस दांत का रूट केनाल ट्रीटमेंट (RCT) करना होगा। रूट केनाल के लिए आपको एक-दो बार फिर आना पड़ सकता है।

दांत क्यों हुआ खराब?

विवेक ने फिर डॉक्टर से कहा कि आप RCT कर दें, लेकिन मेरे एक सवाल का जवाब दें कि मेरा दांत खराब क्यों हुआ? मैं खूब सारा टूथपेस्ट इस्तेमाल करता हूं। हर सुबह 2 से 3 मिनट तक ब्रश भी करता हूं। डॉक्टर ने कहा कि दांतों को हेल्दी बनाकर रखने के लिए 2 से 3 महीने पर ब्रश बदल ही देना चाहिए। ब्रसेल्स अगर थोड़े भी टेढ़े हो जाएं तो हटा दें। ब्रश की टिप चौड़ी न हों। क्या आप ऐसा करते हैं? विवेक का जवाब ‘न’ में था।

सोने से पहले भी ब्रश करें

विवेक ने कहा कि मैं तो 6 से 7 महीने तक एक ही ब्रश इस्तेमाल करता हूं। डॉक्टर ने कहा कि आपके आगे के दांत साफ हैं, लेकिन अंदर के उस दांतों पर गंदगी चिपकती चली गई है, क्योंकि आपका ब्रश अंदर के दांतों की सफाई नहीं कर पा रहा था। इससे उस दांत में बैक्टीरिया ने सुराख कर दिया। रात में सोने से पहले भी ब्रश करना चाहिए, यह भी ज़रूरी है। डॉक्टर का कहना था कि टूथपेस्ट से ज़्यादा अहम टूथब्रश है। विवेक को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने RCT करवा ली। अब उनके दांतों में दर्द नहीं है, लेकिन अब वह टूथब्रश पर नज़र रखने लगे हैं, ताकि ब्रसेल्स की शेप बिगड़ने से पहले ही इसे बदल दिया जाए।

टूथब्रश कितनी तरह के

ऐसा हो ब्रश: टिप की चौड़ाई करीब 2 से 2.5cm, टिप चौड़ी न हो ताकि अंदर की दांतों की सफाई हो सके, साथ ही मसूढ़ों पर महसूस भी हों, ब्रसेल्स सामान्य, मुलायम हों।

सामान्य ब्रश: बाज़ार में कई ब्रैंडेड कंपनियों के ब्रश उपलब्ध हैं। इनकी शेप, साइज़ अलग-अलग तरह के हैं। पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ब्रश के ब्रसेल्स सामान्य शेप के हों, छोटे हों, मुलायम हों और उनकी ऊपरी हिस्सा पतला हो। कीमत: 30 से 200 रुपये

इंटरडेंटल ब्रश: इस तरह के ब्रश का उपयोग तब होता है जब दो दांतों के बीच में गैप आ जाए और कुछ भी खाने पर भोजन के कण दांतों के बीच में फंस जांए। अगर ये फंसे रह जाएंगे तो दांतों और मसूढ़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में इंटरडेंटल ब्रश बहुत काम के होते हैं। ये पतले होते हैं। इससे यह दो दांतों के बीच फंसे कण को निकालने का काम करता है। कीमत: 200 से 800 रुपये

इलेक्ट्रिक ब्रश: कुछ ब्रश ऑटोमेटिक होते हैं। इस तरह के ब्रश को दांतों पर घिसने की ज़रूरत नहीं होती। ये काम खुद ही कर लेते हैं। ब्रश के ब्रसेल्स को दांत के उस हिस्से पर रखना होता है जिसे साफ करना चाहते हैं। वैसे इस तरह के ब्रश की ज़रूरत अमूमन उन लोगों को होती है जिनके हाथ और उंगलियों में नसों की परेशानी हो। पुराने होने पर सिर्फ टिप बदलना ज़रूरी होता है। कीमत: 700 रुपये से 3000 रुपये

चबाने वाले टूथब्रश: अपने देश में यह चलन में कम ही है। यह उन इलाकों के लिए बेहतर हैं जहां पानी की भारी किल्लत होती है। इसे चबाकर फेंक देना होता है। पानी की ज़रूरत नहीं होती। कीमत: 3700 रुपये (10 का पैक)। नोट: कीमतों में फर्क मुमकिन है।

टूथपेस्ट

जब बात दांतों की सफाई की बात आती है तो हमलोग सबसे ज़्यादा टूथपेस्ट के चुनाव को ही तरजीह देते हैं जबकि टूथपेस्ट से भी ज़्यादा अहम टूथब्रश है। ज्यादा ध्यान टूथब्रश पर देने की जरूरत होती है।

अगर बिना टूथपेस्ट सही टूथब्रश की मदद से दांतों की सफाई कर लें तो ज़्यादातर सफाई हो जाती है।
फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट (ऐसे टूथपेस्ट जिनमें फ्लोरीन हो, आजकल के ज़्यादातर टूथपेस्ट में फ्लोरीन होता है)। यह दांतों की सड़न रोकने में मदद करता है। इसका ज़िक्र बाज़ार में मौजूद टूथपेस्ट की पैकिंग पर होता है।
फ्लोराइड की सीमित मात्रा जिसका उपयोग टूथपेस्ट में होता है, वह दांतों के लिए फायदेमंद है, लेकिन फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा सेहत के लिए नुकसानदायक है। बच्चों के लिए टूथपेस्ट में फ्लोराइड की मात्रा 1000ppm (पार्ट पर मिलियन) और बड़ों के लिए यह 1500ppm से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। वैसे ज़्यादातर टूथपेस्ट में इसकी मात्रा का ध्यान रखा जाता है। भले ही कोई डेंटिस्ट किसी को इससे भी ज़्यादा फ्लोराइडयुक्त टूथपेस्ट करने की सलाह क्यों न दे। इसका ज्यादा उपयोग नहीं करना ही बेहतर है।
मेडिकेटिड टूथपेस्ट (दांतों में परेशानी की वजह से डेंटिस्ट कुछ खास तरह के टूथपेस्ट का उपयोग करने की सलाह देते हैं, जिनमें दवाओं की मात्रा भी होती है) को हमेशा इस्तेमाल करना ज़्यादा सही नहीं है। जितने दिनों के लिए कहा जाए, उतना ही उपयोग करें। इसके बाद इसे बंद कर देना चाहिए। यह समझना चाहिए कि मेडिकेटिड टूथपेस्ट एक तरह की दवा है जो दांतों के लिए दी गई है।
 

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