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मद्रास हाईकोर्ट ऐतिहासिक निर्देश देते हुए कहा- 6 विख्यात मंदिरों में गैर हिंदुओं की नहीं होगी एंट्री, सिर्फ हिंदू ही कर सकते हैं दर्शन

इंदौर
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु सरकार को ऐतिहासिक निर्देश देते हुए कहा कि हिंदुओं को भी अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है। कोर्ट ने हिंदू धर्म और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को सभी हिंदू मंदिरों में बोर्ड लगाने के लिए कहा है, जिसमें लिखा हो कि गैर-हिंदुओं को मंदिरों के ‘कोडिमारम’ (ध्वजस्तंभ) क्षेत्र से प्रवेश की अनुमति नहीं है। हाईकोर्ट की मदुरै बेंच की जस्टिस एस. श्रीमती ने डी. सेंथिल कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। इसके बाद से यह कोर्ट का यह फैसला सुर्खियों में आ गया है। हम आपको बता दें कि देश में अभी भी ऐसे कई ऐतिहासिक हिंदू मंदिर है, जहां गैर-हिंदुओं का प्रवेश पूरी तरह बैन है।

जगन्नाथ मंदिर, पुरी
जगन्नाथ मंदिर में हर साल लाखों-करोड़ों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर में भी गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर बैन है। इस मंदिर में सिर्फ आस्थावान हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाता है। इस मंदिर में विदेशी पर्यटकों की एंट्री भी बैन है। ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक, मुस्लिम शासकों के हमलों के बाद जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया था।

कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई
चेन्नई के मलयापुर में स्थित कपालेश्वर मंदिर 7वीं शताब्दी का ऐतिहासिक मंदिर है। द्रविड़ सभ्यता के इस शिव मंदिर में भी गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। इस मंदिर में भी विदेशियों का प्रवेश पूरी तरह से बैन है।

कामाक्षी मंदिर, कांचीपुरम
तमिलनाडु के कांचीपुरम में मौजूद कामाक्षी अम्मन मंदिर में माता पार्वती के कामाक्षी स्वरूप की पूजा की जाती है। यह दक्षिण भारत के विख्यात मंदिरों में से एक है और इस मंदिर में भी गैर-हिंदुओं की एंट्री नहीं हो सकती है।

गुरुवायुर मंदिर, त्रिशूर
हाल ही में यह मंदिर तब चर्चा में आया था, जब यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। केरल के त्रिशूर में स्थित गुरुवायुर मंदिर का इतिहास करीब 5000 साल पुराना है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के बाल रूप के पूजा की जाती है।

पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कुछ सालों में पहले यह मंदिर तब सुर्खियों में आया था, जब इसके तहखानों में अकूत धन संपदा मिली थी। 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। इस मंदिर में भी गैर हिंदुओं को प्रवेश नहीं दिया जाता है।

लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर अपनी खूबसूरत स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है। लिंगराज मंदिर में भी सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही प्रवेश पा सकते हैं। मंदिर में विदेशी नागरिकों के प्रवेश को लेकर सख्त मनाही है।

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